Saturday 24 June 2017

पता नहीं यह दे बापस मिले या न मिले ...

पता नहीं यह दे बापस मिले या न मिले ...
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अभी तो यह बुद्धि थोड़ा बहुत काम कर रही है, अतः जितना लाभ इससे ले सकता हूँ वह मुझे ले लेना चाहिए| फिर पता नहीं है कि यह बापस मिले या न मिले|
मुझे यह आभास हो रहा है कि इस जन्म में इस शरीर महाराज की मृत्यु से पूर्व यदि आत्मज्ञान प्राप्त नहीं हुआ तो बापस यह लोक या इस से अच्छे लोक मिलेंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है| हो सकता है कई जन्मों तक भटकने के उपरांत बापस यह नरदेह मिले और इस जन्म में जहाँ से छोड़ा था, फिर वहीं से प्रारम्भ करना पड़े| यह शरीर महाराज अब जीर्ण होना आरम्भ हो गया है| बहुत कम समय बचा है|
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हे परमशिव यदि कुछ अनहोनी हो भी जाए और बापस जन्म लेना ही पड़े तो उचित वातावरण में यह नर देह ही देना, किसी भोगभूमि में मत भेजना|
हे परमशिव, आप ही मेरी करुणामयी माता भी हो, अतः इस शरीर महाराज की मृत्यु से पूर्व ही अपना तत्त्व-बोध भी करा दो| मुझे और कुछ भी नहीं चाहिए| मुझे विषयों में रमण मत कराओ| मेरा रमण निरंतर आप में ही हो|
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||

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