Saturday 24 June 2017

हमारा ब्रह्मभाव जागृत क्यों नहीं होता ? .....

हमारा ब्रह्मभाव जागृत क्यों नहीं होता ? .....
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अहंकार, राग-द्वेष, क्रोध, और कामवासना ..... ये जब तक हैं तब तक ब्रह्मभाव जागृत नहीं हो सकता| इनसे मुक्त होने का एक ही उपाय है, और वह है ...... यथासंभव पूर्ण प्रेम पूर्वक आत्माकार वृत्ति से परमात्मा का ध्यान, ध्यान, ध्यान और ध्यान|
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"अहं" शब्द केवल प्रत्यगात्मा यानि परमात्मा के लिए ही प्रयुक्त होना चाहिए, न कि इस देह, बुद्धि और मन के लिए| हमारी चेतना सिर्फ सच्चिदानंद में ही स्थित रहे, ऐसा अनवरत प्रयास हो| हम इस मन, बुद्धि और शरीर को "अहं" मानते हैं, यही अहंकार है|
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हे अकारणकरुणावरुणालय, परमप्रिय, परमशिव, हमारी चेतना क्षणमात्र के लिए भी आपसे विमुख न हो| यही हमारी प्रार्थना है|

ॐ तत्सत् | ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||

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