वर्तमान समय में अनिष्ट आसुरी शक्तियों से रक्षा के लिए घर में एक
आध्यात्मिक सुरक्षा कवच का निर्माण आवश्यक है| प्रातः सायंकाल की आरती से,
नियमित ध्यान साधना से, निरंतर हरि स्मरण से, या अमोघ शिव कवच, बजरंग बाण,
दुर्गा कवच आदि में से किसी एक के पाठ से, एक रक्षा कवच का निर्माण होता
है|
पूजा के समय शंख में जल रखें व उसमे तुलसी पत्र हो| पूजा के उपरांत वह जल घर के दरवाजे से लेकर सभी कमरों में छिडकें| इस कार्य में नियमितता और निरंतरता बनाए रखें|
माथे पर तिलक और शिखा धारण, परमात्मा में दृढ़ आस्था, सादा जीवन उच्च विचार, भारतीय वेषभूषा, घर का सात्विक वातावरण, सात्विक आहार, नियमित दिनचर्या ..... ये सब हमारी आसुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं|
आनेवाले संकटों से बचने और बचाने के लिए आध्यात्मिक शक्ति का आवाहन व संवर्धन आवश्यक हो गया है|
सभी को शुभ कामनाएँ और नमन ! ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
पूजा के समय शंख में जल रखें व उसमे तुलसी पत्र हो| पूजा के उपरांत वह जल घर के दरवाजे से लेकर सभी कमरों में छिडकें| इस कार्य में नियमितता और निरंतरता बनाए रखें|
माथे पर तिलक और शिखा धारण, परमात्मा में दृढ़ आस्था, सादा जीवन उच्च विचार, भारतीय वेषभूषा, घर का सात्विक वातावरण, सात्विक आहार, नियमित दिनचर्या ..... ये सब हमारी आसुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं|
आनेवाले संकटों से बचने और बचाने के लिए आध्यात्मिक शक्ति का आवाहन व संवर्धन आवश्यक हो गया है|
सभी को शुभ कामनाएँ और नमन ! ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
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