Tuesday 20 December 2016

आज के हिन्दू समाज की एक अति ज्वलंत समस्या .....

आज के हिन्दू समाज की एक अति ज्वलंत समस्या .....
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हमारी युवा पीढ़ी संस्कारविहीन और दिशाभ्रमित हो रही है| संयुक्त परिवार टूट गए हैं| बड़े-बूढों की समाज में अब कोई पूछ नहीं रही है|
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दुओं के बच्चे धार्मिक शिक्षा नहीं पा सकते जब कि यह अधिकार तथाकथित अल्पसंख्यकों को है| तथाकथित अल्पसंख्यक अपने बच्चों को अपने विद्यालयों में अपने धर्म की शिक्षा दे सकते हैं पर हिन्दू नहीं|
अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पश्चिमी संस्कार ही दिए जाते हैं| आज के हिन्दू किशोरों व युवाओं को न तो रामायण महाभारत का ज्ञान है और न अपने अन्य धर्मग्रंथों का|
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हिन्दू युवा दिशाविहीन होकर नशे कि लत में पड़ने लगे हैं जिससे अपराध बहुत बढ़ गए हैं| सरकार भी असहाय है क्योंकि नशे के कारोबार में बड़े बड़े लोगों का बहुत अधिक धन लगा हुआ है| वे देश को बर्बाद कर मात्र पैसा बनाना चाहते हैं|
देश का भविष्य देश के युवा हैं| यदि देश के युवा बिगड़ गए तो देश का भविष्य अंधकारमय होगा| देश के युवाओं में अच्छे संस्कार देना और उन्हें नशे से बचाना हम सब का परम कर्तव्य है|
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सूचनार्थ बताता हूँ कि भारत को छोड़कर अन्य सारे देश अपने युवाओं को नशे से बचाने के प्रति बहुत सजग हैं| सिंगापूर, मलयेशिया और इंडोनेशिया में नशीले पदार्थ रखने पर मृत्युदंड की सजा है| जापान में तो बहुत कठोरता हैं, वहाँ ड्रग्स का धंधा करते कोई पकड़ा जाए तो मरते दम तक वह जेल में ही सड़ेगा| अमेरिका योरोपीय देशों व चीन में भी बहुत अधिक सख्ती है| चीन के लगभग सभी लोगों को अंग्रेजों ने गुलाम बनाने के लिए अफीमची बना दिया था| चीन ने अपने नागरिकों को अफीम के नशे से मुक्त कर लिया है| वहाँ अब कोई अफीम का सेवन नहीं करता| ज़रा सा संदेह होते ही वहाँ विदेशी पर्यटकों की भी जूते और मोज़े तक उतरवा कर तलाशी ली जाती है| भारत में भी नियमों को कठोर बना कर ड्रग्स के धंधे को बंद करना ही पड़ेगा नहीं तो देश का भविष्य अंधकारमय है|
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साथ साथ ध्यान आदि का अभ्यास करा कर व परमात्मा के प्रति भक्ति के संस्कार देकर युवा वर्ग को चरित्रवान बनाना ही पड़ेगा| बच्चों में सद्साहित्य का वितरण और लोकप्रिय बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए|
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फिर हमें सरकार पर दबाव डालकर संविधान से उन प्रावधानों को हटवाना चाहिए जिनके अंतर्गत हिन्दू धर्म की शिक्षा विद्यालयों में नहीं दी जा सकती| धर्म-निरपेक्षता के नाम पर हिन्दुओं के साथ बहुत अन्याय हो रहा है|
ॐ ॐ ॐ ||

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