Wednesday 19 October 2016

उस पेड़ का पतन सुनिश्चित है जो अपनी जड़ों की चिंता नहीं करता .....

उस पेड़ का पतन सुनिश्चित है जो अपनी जड़ों की चिंता नहीं करता .....
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भारत की अस्मिता और प्राण सनातन धर्म है जिसे अब हम हिंदुत्व कहते हैं| बिना सनातन धर्म यानि हिंदुत्व के भारत भारत नहीं है| अगर हिन्दू , सनातन धर्म को जीवन की प्राथमिकता नहीं बनाएगा .... तो हर हिन्दू का जीवन समस्याग्रस्त होना सुनिश्चित है| भारत की आत्मा आध्यात्मिकता है| भारत में धर्म की पुनर्स्थापना के लिए हमें आध्यात्म की ओर लौटना होगा और स्वयं को दैवीय शक्तियों से युक्त कर बलशाली होना होगा| स्वयं सब प्रकार से शक्तिशाली बनकर ही हम धर्म और राष्ट्र की रक्षा कर सकेंगे|
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हमारा चरित्र श्वेत कमल की भाँति इतना उज्जवल हो जिसमें कोई धब्बा ना हो| हमारे आदर्श और हमारा चिंतन उच्चतम हो| इसका एकमात्र उपाय है हमें अपनी मानसिकता बदली होगी और जीवन का केंद्र बिंदु परमात्मा को बनाना होगा| कम से कम इतना तो हम कर ही सकते हैं कि जीवन का हर कार्य परमात्मा को प्रसन्न करने के लिए पूर्ण मनोयोग से करें, हर समय परमात्मा का स्मरण रखें, और अपने आचरण को और विचारों को सही रखें| जीवन में अपने विवेक के अनुसार जो भी सर्वश्रेष्ठ हम कर सकते हैं वह करें, तभी धर्म की रक्षा होगी|
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यह कार्य स्वयं से ही आरम्भ करना होगा| समाज और राष्ट्र के कर्णधारों को ही नहीं सभी को इस विषय पर विचार करना होगा| अन्यथा विनाश हम देख ही रहे हैं|
धर्मनिरपेक्षतावाद (सेकुलरिज्म) और जातिगत आरक्षण भारत की जड़ें खोद रहे हैं|
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धर्म की रक्षा उसके पालन से होती है, सिर्फ बातें करने से या राजनीति से नहीं| वर्तमान में यह देख कर खेद होता है कि हम सिर्फ नाम के लिए ही हिन्दू रह गए हैं| अपने धर्म को जानने व समझने का प्रयास ही नहीं करते|
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आप सब को नमन ! आप सब के ह्रदय में परमात्मा है, उसकी सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति आप में हो|
ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||

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