Wednesday, 21 September 2016

अंग्रेजी शासन से पूर्व भारत एक बार तो हिन्दू राष्ट्र हो गया था ......

अंग्रेजी शासन से पूर्व भारत एक बार तो हिन्दू राष्ट्र हो गया था ......
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एक बहुत बड़ा झूठ जो हमें पढ़ाया जाता है वह है कि अंग्रेजों से पूर्व भारत एक हज़ार वर्ष तक विदेशी आक्रान्ताओं यानि मुगलों का दास था| यह बिलकुल झूठ है|
मराठों और सिक्खों ने मुगलों की सत्ता को लाल किले की चारदिवारी के भीतर तक ही सीमित कर दिया था| लाल किले के बाहर कोई मुग़ल सत्ता नहीं थी|
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महाराजा रणजीत सिंह जी ने उस सारी भूमि जिस पर यह (ना)पाकिस्तान बना है, पूरा अफगानिस्तान, पूरा कश्मीर व तिब्बत तक का शासन अपने आधीन कर लिया था| मराठों ने सन १७२० ई. में ही अटक (अफगानिस्तान) पर एक बार तो भगवा फहरा दिया था| फिर एक अल्प काल के लिए पठानों का राज्य हुआ जिसे महाराजा रणजीतसिंह ने समाप्त कर अपने आधीन कर लिया था|
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पूरे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण में खूब गहराई तक सत्ता मराठों के हाथ में आ गयी थी| दिल्ली के आसपास का क्षेत्र भी मराठों ने अपने आधीन कर लिया था|
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कर्णाटक में हरिहर राय (प्रथम) और बुक्का ने विजयनगर राज्य की स्थापना की जो विश्व का समृद्धतम राज्य था|
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(ना)पाकिस्तान तो एक नाजायज मुल्क है जिसे अंग्रेजों ने महाराजा रणजीत सिंह जी की भूमि पर खडा कर दिया था|
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छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, बालाजी बाजीराव और महाराजा रणजीत सिंह जी जैसे महान योद्धा विश्व में अन्यत्र नहीं हुए| क्या बादल और फत्ता जैसे वीर किसी अन्य राष्ट्र में हुए हैं?
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हमारा इतिहास गौरव का है| भारत ने दासता कभी भी स्वीकार नहीं की, अपितु निरंतर पराधीनता के विरुद्ध संघर्ष किया|
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एक दिन ऐसा अवश्य आयेगा जब हम सत्य इतिहास को जान सकेंगे| भारत का वर्त्तमान इतिहास तो भारत के शत्रुओं ने लिखा है|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!

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