Monday 19 September 2016

^^^^^ श्रद्धांजली ^^^^^ यह क्रम (सिलसिला) कब तक चलेगा ? .......

^^^^^ श्रद्धांजली ^^^^^
यह क्रम (सिलसिला) कब तक चलेगा ? .......
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कश्मीर में शहीद हुए सेना और पुलिस के सभी जवानों और अधिकारियों को श्रद्धांजली | उन सब को वीरगति / सद्गति प्राप्त हो | वे तो राष्ट्र की सेवा में थे और आतताइयों द्वारा मारे गए |
यह क्रम (सिलसिला) कब तक चलेगा ? जैसे क्रिकेट मैच में स्कोर बोर्ड पर लिखा आता है कि इतने रन बन गए, वैसे ही नित्य समाचार देखते है कि इतने जवान आज आहूत (शहीद) हो गए| यह क्रम अब रुकना चाहिये |
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भारतीय परम्परा में आतताइयों के लिए कोई क्षमा नहीं है | आतताइयों के लिए सिर्फ मृत्यु दंड ही है |
हे भगवती, इस राष्ट्र की क्लीवता दूर करो, वीर पुरुषों को जन्म दो और पराक्रमी नेतृत्व दो |
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कश्मीर में आज प्रातः आतंकी आतताइयों के आक्रमण में १७ (सत्रह) जवान आहूत हो गए हैं | इस समाचार से देश के सेकुलर और वामपंथी तो प्रसन्न हो रहे होंगे पर सभी देशभक्त दुखी हैं |
माँ भगवती से पुनश्चः प्रार्थना है कि उन सब को सद्गति प्राप्त हो और उनके परिवारों को इस संकट की घड़ी में पूरी सांत्वना और राष्ट्रीय सहायता प्राप्त हो |
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जब भी कोई जवान मारा जाता है उस दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाना चाहिए | उनके शोक में राष्ट्र ध्वज आधा झुकाया जाना चाहिए |
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यह वर्त्तमान सरकार के लिए परीक्षा की घड़ी है | विगत की तो सारी सरकारें विफल रहीं और मात्र झूठे आश्वासन ही देती रहीं | आतंकी तो यहाँ नरसंहार कर के अपने उद्देश्य में सफल होते रहे पर भारत की बिकी हुई प्रेस दावे करती रही कि आतंकी अपने उद्देश्य में विफल रहे क्योंकि भारत में शांति बनी रही |
सारे राजनेता मात्र बनावटी घोषणा करते रहे कि किसी को बख्शेंगे नहीं पर आलगाववादी तत्वों को संरक्षण और धन उपलब्ध कराते रहे | कहीं भी उन्होंने प्रतिकार नहीं किया | अब पाकिस्तान द्वारा दी गयी आणविक हमले से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है | पकिस्तान ने ऐसा दुःसाहस किया तो वह राख में बदल जाएगा |
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अब हम एक शक्तिशाली, स्वाभिमानी और साहसी राष्ट्र के रूप में रहें |
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युद्ध में विजय देश के लिए मरने से ही नहीं मिलती, अपितु शत्रु को उसके देश के लिए मारने से मिलती है |
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वन्दे मातरं ! भारत माता की जय !


18-09-2016 

2 comments:

  1. मुझे १९६२ के भारत-चीन युद्ध के पूर्व की तनावपूर्ण स्थितियों से लेकर (तब मैं 14 वर्ष का था) आज तक की परिस्थितियों का बोध है |

    भारत के कायर व डरपोक राजनेताओं ने विदेशी आक्रान्ताओं की मात्र निंदा, कड़ी निंदा और कड़ा विरोध ही किया है | कभी कोई कड़ी कारवाई नहीं की है |

    अच्छा तो यह होता बड़े बड़े कड़े विरोध करने और बड़ी बड़ी बातें करने की बजाय कुछ छोटी सी कारवाई ही करते |

    अब यह कोई आतंकी हमला नहीं, भारत की अस्मिता पर आक्रमण ही है | अब तो एक राष्ट्रवादी सरकार है और उसे पूर्ण शक्ति से कूटनीतिक और सैनिक प्रतिकार करना चाहिए | भारत की जनता पूरा सहयोग देगी |
    आशा है पिछली सरकारों की तरह यह सरकार अपने शब्दजाल से हमें भ्रमित नहीं करेगी |

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  2. मुझे वर्तमान सरकार और उसके नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास है |
    एक अल्प अवधि के लिए प्रधानमंत्री बने माननीय श्री लालबहादुर शास्त्री जी को छोड़कर भारत में इतना समर्पित, निष्ठावान और कार्यकुशल प्रधानमंत्री आज तक दूसरा नहीं हुआ|
    उनके मंत्रिमंडल के भी सभी सदस्य पूर्ण रूपेण समर्पित और कार्यकुशल हैं|
    मुझे उनकी क्षमता में कोई संदेह नहीं है| वे जो भी निर्णय करेंगे, राष्ट्रहित में ही करेंगे|
    भारत माता की जय ! वन्दे मातरं !

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