Monday 15 August 2016

वास्तविक स्वतन्त्रता .... परमात्मा यानि आत्मज्ञान में है ........

वास्तविक स्वतन्त्रता .... परमात्मा यानि आत्मज्ञान में है ........
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हमारा "स्व" परमात्मा है, और "तंत्र" उसकी व्यवस्था है|
सब तरह के मायावी बंधनों ..... आवरण व विक्षेप, और सब तरह के पाशों से मुक्त होकर, ही हम स्वतंत्र हो सकते हैं| स्वतन्त्रता भीतर है, बाहर नहीं|
हम स्वतंत्र हों, हम स्वतंत्र हों, हम स्वतंत्र हों ..... इस संकल्प के साथ सभी को शुभ कामनाएँ |
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परमात्मा को कभी न भूलो| यह संसार हमारे बिना भी चलता रहेगा| हमारे जीवन का उद्देश्य परमात्मा को उपलब्ध होना है, न कि उसकी रचना को| हमारे प्रभु किस बात से प्रसन्न होते हैं, वही महत्वपूर्ण है, न कि अन्यों की|

ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||

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