Sunday 21 August 2016

आजकल परमात्मा हम सब को निरंतर कुछ अधिक ही याद कर रहे हैं ....

आजकल परमात्मा हम सब को निरंतर कुछ अधिक ही याद कर रहे हैं ....
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जीवन में आ रही सभी बाधाओं, कठिनाइयों, पीड़ाओं, दुःखों, कष्टों, अभिशापों और सभी प्रकार की विपरीतताओं का स्वागत है| ये सब भगवान की कृपा हैं जो हमें उनकी याद दिलाने के लिए निरंतर आती हैं| इनके बिना सृष्टिकर्ता को कौन याद करेगा ?
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प्रभुकृपा से ये सब तो है हीं, साथ साथ परमात्मा के आशीर्वाद और महती कृपा से बौद्धिक स्तर पर कोई किसी भी तरह की कणमात्र भी शंका या संदेह नहीं है| सोच व विचारों में स्पष्टता है|
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अब एक ही अभीप्सा है ..... बचा-खुचा अवशिष्ट जीवन परमात्मा के ध्यान में ही बिता दिया जाए, और समर्पण में पूर्णता हो| अन्य कोई कामना नहीं है|
भगवान योग-क्षेम का वहन भी करेंगे और निराश्रय की रक्षा भी करेंगे|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ !!

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