Wednesday, 26 November 2025

(१) संविधान-दिवस। (२) पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा मुंबई पर २६-११-२००८ को किये गये भीषण आक्रमण की वर्षगांठ।

 आज २६ नवंबर २०२४ को भारत में -- (१) संविधान-दिवस है, और (२) पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा मुंबई पर २६-११-२००८ को किये गये भीषण आक्रमण की १६वीं वर्षगांठ है। लगता है इस आक्रमण में तत्कालीन भारत सरकार की भी सहमति थी। इन दोनों विषयों पर चर्चा करते हैं।

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(१) देश का संविधान देश के राजनेताओं द्वारा निर्मित देश के मार्गदर्शक कानूनों और नीतियों का संग्रह मात्र होता है, इससे अधिक और कुछ भी नहीं। संविधान का अर्थ है -- समान विधान। लेकिन भारत का संविधान वर्तमान समय तक तो इस मापदंड पर खरा नहीं उतरता। यहाँ सब के लिए समान नागरिक संहिता (कानून) नहीं हैं। जनता का वर्गीकरण -- अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक, अगड़ा, पिछड़ा और अति-पिछड़ा आदि के नाम पर कर रखा है, जो एक समान विधान, और देश की अस्मिता (सनातन धर्म) की भावना की भावना के विरुद्ध है। संविधान कोई धर्मग्रंथ नहीं, बल्कि राजनीतिक मार्गदर्शक मात्र होता है। संविधान सभा के सभी सदस्यों को मैं नमन करता हूँ। अब तक तो उनमें से कोई भी जीवित नहीं है। उन्होंने संविधान को बनाने में बहुत अधिक परिश्रम किया था।
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(२) मुंबई का हुतात्मा सिपाही तुकाराम ओंबले ज़िन्दाबाद !! भारत माता की सेवा में उनका योगदान किसी भी संत-महात्मा से कम नहीं है। भगवान उन्हें सद्गति प्रदान करें। भगवान की परम कृपा हम सब के ऊपर हुई थी, तभी उन्होने कसाब नाम के पाकिस्तानी आतंकी को जीवित पकड़ा, अन्यथा अति-अति अनर्थ हो जाता। विश्व के सभी हिंदुओं को आतंकी घोषित करने की तत्कालीन केंद्र सरकार की योजना थी, जो Deep State की गुलाम थी।
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Deep State विश्व के ऐसे लोगों का एक गोपनीय समूह है, जो सम्पूर्ण विश्व को अपना गुलाम बनाना चाहते हैं। ऐसे लोगों का केंद्र अमेरिका के वाशिंगटन डी.सी., ब्रिटेन के लंदन सिटी, और वेटिकन में से कहीं से संचालित होता है। वे विश्व से सनातन-धर्म और भारत को भी नष्ट कर अपनी स्वयं की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था स्थापित करना चाहते हैं।
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मुंबई में २६ नवंबर २००८ के दिन हुये भीषण आतंकी हमलों में मारे गए सभी सैंकड़ों निर्दोष नागरिकों, और सभी वीर सुरक्षा व पुलिस कर्मियों को (सिर्फ एक करकरे को छोड़कर) श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जो मुंबई की सुरक्षा के लिए लड़े और अपने प्राणों की आहुति दी। यहाँ कुछ बातें गौर करने योग्य हैं --
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२६/११/२००८ के दिन हुए आक्रमण की पूर्व सूचना मोसाद और सीआईए ने तत्कालीन भारत सरकार को दे दी थी, लेकिन तत्कालीन भारत सरकार ने कोई कारवाई नहीं की। इस हमले को टाला जा सकता था। उक्त हमले के लिए आरएसएस को दोषी बताने की योजना बना ली गई थी, और इस बारे में किताब भी लिख ली गई थी, तो हमले को तत्कालीन भारत सरकार क्यों रोकती?
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सभी को जय सियाराम। भगवान -- भारत, सनातन धर्म और आप सब की रक्षा करें। आप की कीर्ति और यश अमर रहे, आप पर परमात्मा की परम कृपा हो, व हृदय में परमप्रेम जागृत हो। परमात्मा की शरण लें, सभी की वे ही रक्षा कर सकते हैं।
हरिः ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२६ नवंबर २०२४

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