Monday, 27 January 2025

सर्वाधिक महत्व एक ही बात का है -- वह है "निरंतर भगवान का स्मरण", प्रातःकाल उठते ही भगवान का कीर्तन और ध्यान करें ---

 (१) सर्वाधिक महत्व एक ही बात का है -- वह है "निरंतर भगवान का स्मरण"। गीता में भगवान कहते हैं --

"तस्मात्सर्वेषु कालेषु मामनुस्मर युध्य च।
मय्यर्पितमनोबुद्धिर्मामेवैष्यस्यसंशयम्॥८:७॥"
अर्थात् -- इसलिए, तुम सब काल में मेरा निरन्तर स्मरण करो; और युद्ध करो मुझमें अर्पण किये मन, बुद्धि से युक्त हुए निःसन्देह तुम मुझे ही प्राप्त होओगे॥
Therefore meditate always on Me, and fight; if thy mind and thy reason be fixed on Me, to Me shalt thou surely come.
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(२) प्रातःकाल उठते ही भगवान का कीर्तन और ध्यान करें। तत्पश्चात् दिन का आरंभ करें। रात्रीशयन से पूर्व भी भगवान का कीर्तन और ध्यान करें। परिणाम आप के जीवन को आनंदमय और धन्य बना देंगे।
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जीवन में सदा प्रसन्न रहें। ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२८ जनवरी २०२४

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