Thursday, 9 January 2025

भगवान के अस्तित्व का यहाँ पता चलेगा .....

भगवान के अस्तित्व का यहाँ पता चलेगा .....

इंडोनेशिया. ज्वालामुखी माउंट ब्रोमो के मुहाने पर 700 साल पहले गणेशजी की स्थापना की गई थी। तब से विघ्नहर्ता गणेश यहां विराजे हैं।
इंडोनेशिया में 141 ज्वालामुखी हैं, जिनमें से 130 आज भी सक्रिय हैं। पूर्वी जावा का माउंट ब्रोमो उन्हीं में से एक है, जो हजारों वर्षों से धधक रहा है।
इंडोनेशिया से वहां की हिंदू धर्म परिषद के अध्यक्ष केतूत डोंडेर ने इस महान परंपरा के बारे में बताया...
ब्रोमो पहाड़ पर 2329 मीटर की ऊंचाई पर लावा पत्थरों से गणेशजी बने हैं। आसपास के 48 गांवों के 3 लाख हिंदुओं का विश्वास है कि गणेश उनके रक्षक हैं।
पहाड़ के सबसे पास के गांव केमोरो लवांग में हिंदू परिवार रहते हैं, जिन्हें टेंगरेस कहा जाता है। ये खुद को 12वीं सदी के माजपाहित शासक के वंशज कहते हैं।
इनकी मान्यता है कि इनके पूर्वजों ने गणेश प्रतिमा की स्थापना की थी। जिस जगह से ज्वालामुखी की चढ़ाई शुरू होती है, वहां काले पत्थरों से बना 9वीं शताब्दी का ब्रह्माजी का मंदिर है।
गणपति की पूजा नहीं होने से अनिष्ट हो सकता है
जावा की जैवनीज भाषा में ब्रह्मा को ब्रोमो कहते हैं। यूं तो माउंट ब्रोमो पर सालभर गणपति की पूजा होती है, पर मुख्य आयोजन जुलाई में 15 दिन तक चलता है।
500 साल से ज्यादा पुरानी यह परंपरा ‘याद्नया कासडा’ कहलाती है, जो कभी रुकी नहीं। चाहे ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट ही क्यों न हो रहे हों।
2016 में ज्वालामुखी में विस्फोट हो रहे थे। तब भी सरकार ने सिर्फ 15 पुजारियों को पूजा की अनुमति दी थी। पर हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए थे।
लोगों का मानना है कि गणपति की पूजा नहीं होने से अनिष्ट हो सकता है। इंडोनेशिया में गणेश की इतनी मान्यता है कि वहां के 20 हजार के नोट पर भी गणेश की तस्वीर है।
१० जनवरी २०२०
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भारत से बाहर पूरे विश्व में फैले हुए सनातन हिन्दू धर्मावलंबियों को नमन !
मुझे प्रायः सभी महाद्वीपों (एशिया, यूरोप, अफ्रीका, उत्तर व दक्षिण अमेरिका) के अनेक देशों में रहने वाले अनेक हिंदुओं से व्यक्तिगत रूप से मिलने का अवसर मिला है| वे हमारे से अधिक उत्साह से धर्मावलम्बी हैं| विषम से विषम परिस्थितियों में उन्होंने अपने धर्माचरण को सुरक्षित रखा है| वे धर्म के प्रहरी हैं, धर्म ने उनकी रक्षा की है|

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