सनातन धर्म ही भारत की अस्मिता है, जिसके बिना भारत -- भारत नहीं है। किसी भी राजनीतिक दल से कोई उम्मीद नहीं है कि वे सनातन धर्म के उत्थान और रक्षा के लिए कुछ करेंगे। केवल हरिःकृपा पर ही आश्रित हैं।
वह समय भी निश्चित रूप से शीघ्र ही आयेगा जब भारत माँ अपने द्विगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बिराजमान होंगी। सम्पूर्ण भारत से असत्य और अन्धकार की शक्तियों का नाश होगा व सनातन धर्म की पुनःप्रतिष्ठा होगी। मार्क्सवाद, सेकुलरवाद, समाजवाद, जातिवाद, तथाकथित अल्पसंख्यकवाद यानि तुष्टिकरण, सर्वधर्मसमभाववाद और अन्य कई कलियुगी व्यवस्थाएँ ध्वस्त होंगी।
जो राष्ट्र महान ऋषि-मुनियों, तपस्वी साधू-संतों, भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण जैसे अवतारों का है, वह सदा पददलित नहीं रह सकता। हमारे लिए यह साक्षात माता है। यहाँ पर परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति हुई है। अन्धकार और असत्य की आसुरी शक्तियाँ सदा यहाँ राज्य नहीं कर सकतीं, उन का सर्वनाश निश्चित है। हम अपने निज जीवन में परमात्मा की चेतना में रहें।
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ !!
५ दिसंबर २०२४
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