Tuesday 7 December 2021

यमराज का सदा स्वागत है ---

 यमराज जी का सदा स्वागत है; जब भी उन को फुर्सत हो, बड़े आराम से अपनी सुविधानुसार कभी भी आ जायें। हर समय उनके साथ चलने को तैयार हैं ---

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जब कान के पास के बाल सफ़ेद हो जाएँ तब सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि कानों के पास के बालों का सफ़ेद होना यमराज का एक सन्देश है कि मैं कभी भी आ सकता हूँ। महाराजा दशरथ ने एक बार दर्पण में अपना मुख देखा तो कानों के पास सफ़ेद बाल दिखाई दिए। उन्होंने तुरंत ही राम के राज्याभिषेक की तैयारी आरम्भ कर दी।
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कहते हैं कि यमराज जब किसी के प्राण हरने आते हैं तो उनके भैंसे के गले में बंधी घंटी की ध्वनि मरने वाले को सुनाई देने लगती है। उसकी ध्वनि इतनी कर्णकटु होती है कि वह घबरा जाता है और विगत का पूरा जीवन उसको सिनेमा की तरह दिखाई देने लगता है। उसी चेतना में यमराज उसके गले में फंदा डालकर उस को देहचेतना से मुक्त कर देते हैं। फिर उसे बहुत अधिक कष्ट झेलने पड़ते हैं।
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यमराज के भैंसे के गले में बंधी घंटी की ध्वनी सुने इससे पहिले ही ओंकार की ध्वनी को या राम नाम की ध्वनी को निरंतर सुनने का अभ्यास आरम्भ कर देना चाहिए। आप किसी बड़े मंदिर में जाते हैं तो वहाँ एक बड़ा घंटा लटका रहता है जिसे जोर से बजाने पर उसकी ध्वनी का स्पंदन बहुत देर तक सुनाई देता है| कल्पना करो कि ऐसे ही किसी घंटे से ओंकार की या रामनाम की ध्वनि निरंतर आ रही है। उस ध्वनी को सुनने और उस पर ध्यान करने का नित्य नियमित अभ्यास करो। यह ध्वनि ही हमें मुक्ति दिला सकती है। अन्यथा एक बार यमराज के भैंसे के गले की घंटी सुन गयी तो फिर अंत समय में अन्य कुछ भी सुनाई नहीं देगा।
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जिन का कभी जन्म ही नहीं हुआ, अभी से उन मृत्युंजयी भगवान शिव का ध्यान स्वयं शिवमय होकर करना आरम्भ कर दो। यमराज फिर हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते। "चन्द्रशेखर माश्रये मम किं करिष्यति वै यमः?" कितनी शीतलता और दिव्यता है भगवान शिव में!! वे भगवान चन्द्रशेखर शिव सदा हमारे में व्यक्त हों। ॐ नमः शिवाय॥ ॐ ॐ ॐ॥
कृपा शंकर
६ दिसंबर २०२१

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