सब कुछ तुम्हीं हो ........
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तुम्हारी उपस्थिति से जीवन धन्य हुआ है
तुम्हारी मुस्कान से आत्मा तृप्त हुई है
तुम्हारे प्रेम से ह्रदय भर गया है
तुम्हारी करुणा से वेदना दूर हुई है
तुम्हारे प्रकाश से मार्ग प्रशस्त हुआ है
तुम्हारे शब्दों से शांति मिली है
तुम्हारे विचारों से विवेक जागृत हुआ है
तुम्हारी हँसी से आनंद मिला है
तुम्हारी अनंतता से आश्रय मिला है
तुम्हारी सर्व-व्यापकता से सब कुछ मिल गया है
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तुम्हारी उपस्थिति से जीवन धन्य हुआ है
तुम्हारी मुस्कान से आत्मा तृप्त हुई है
तुम्हारे प्रेम से ह्रदय भर गया है
तुम्हारी करुणा से वेदना दूर हुई है
तुम्हारे प्रकाश से मार्ग प्रशस्त हुआ है
तुम्हारे शब्दों से शांति मिली है
तुम्हारे विचारों से विवेक जागृत हुआ है
तुम्हारी हँसी से आनंद मिला है
तुम्हारी अनंतता से आश्रय मिला है
तुम्हारी सर्व-व्यापकता से सब कुछ मिल गया है
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जीवन का यह सर्वश्रेष्ठ है
हिम्मत कैसे हार सकता हूँ
निराशा भीरुता कैसे आ सकती है
जब सब कुछ तुम ही हो
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कृपा शंकर
१४ अप्रेल २०१६
हिम्मत कैसे हार सकता हूँ
निराशा भीरुता कैसे आ सकती है
जब सब कुछ तुम ही हो
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कृपा शंकर
१४ अप्रेल २०१६
भगवान को प्रेम करने और उनका ध्यान करने से ही तृप्ति मिलती है जो अन्यत्र कहीं भी नहीं है| जीवन अनंत है, समय अनंत है, चलते चलते एक न एक दिन उनको प्राप्त हो ही जायेंगे| उनको पता है कि मैं आ रहा हूँ, समय समय पर वे इसका प्रमाण भी दे देते हैं| जो कमी है वह विगत के अनेक जन्मों के संचित खराब कर्मों के कारण है, जिन से मुक्ति भी दूर नहीं है| एक ऐसी प्रबल अभीप्सा है जो उनकी ओर खींचे ले जा रही है| अन्य किसी भी बात का महत्व नहीं है| महत्व है तो सिर्फ उन्हीं का है| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
ReplyDeleteकृपा शंकर
७ मई २०१८