Friday, 9 February 2018

भूतकाल को नहीं बदल सकते, फिर उसे कोसने से कोई लाभ नहीं है .....

भूतकाल में जो भी हुआ है उसे तो हम बदल नहीं सकते, फिर उसे कोसने का कया लाभ? 
वर्तमान व भविष्य तो हमारा ही है जिसका हम अपने संकल्प से सृजन कर सकते हैं| वर्तमान में रहें, वर्तमान में ही रहें, वर्तमान में ही सदा रहें, फिर भविष्य वही होगा जैसा हम चाहेंगे| 

हमारी चेतना में कोई असत्य और अन्धकार न रहे| हमारा ज्योतिर्मय वर्तमान ही उज्ज्वलतम भविष्य का निर्माण करेगा|

ज्योतिर्मय ब्रह्म का ध्यान करें| ओंकार की ध्वनी को सदा सुनें| कूटस्थ चैतन्य में स्थित रहें| सारी नकारात्मकता को भूलकर बार बार सदा चिंतन करें ....  सोहं सोहं सोहं ॐ ॐ ॐ !!

ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
०८ फरवरी २०१

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