Friday 22 September 2017

जिन्हें मूर्ति पूजा से विरोध है वे स्वयं मूर्ति पूजा न करें ....,

जिन्हें मूर्ति पूजा से विरोध है वे स्वयं मूर्ति पूजा न करें, पर उन्हें क्या पीड़ा होती है जब अन्य श्रद्धालू मूर्ति पूजा करते हैं ? उन्हें अन्य किसी की आस्था पर प्रहार करने का कोई अधिकार नहीं है| ऐसे ही अन्य कई मतावलंबी हैं जिन्होनें हिन्दुओं का मत परिवर्तन करने का ठेका ले रखा है, कुछ ने तो हिंसा द्वारा और कुछ ने धूर्तता द्वारा| ये धूर्तता वाले अधिक खतरनाक हैं|

हमारी अस्मिता पर प्रहार हो रहे हैं| अपने स्वधर्म और स्वाभिमान की हमें रक्षा करनी ही होगी| यह तभी संभव है जब पहले हम स्वयं अपने स्वधर्म का पालन करें| स्वधर्म का पालन ही हमारी रक्षा करेगा | तभी भगवान हमारा साथ देंगे| ॐ ॐ ॐ ||

कृपा शंकर
आश्विन शु.२, वि.सं.२०७४
22/09/2017

No comments:

Post a Comment