Wednesday, 8 March 2017

होली की दारुण रात्री ......

होली की दारुण रात्री ......
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भगवान नृसिंह और भक्त प्रहलाद को नमन करते हुए मैं होली के सुअवसर पर पाँच दिन पूर्व ही आप सब को भी सप्रेम सादर नमन करता हूँ| इस माह रविवार 12 मार्च 2017 के दिन होली का त्यौहार है| होली का एक आध्यात्मिक महत्त्व है|
होली की यह दारुण रात्री, देह की चेतना से ऊपर उठने की साधना का एक अवसर है| आत्म-विस्मृति ही सब दुःखों का कारण है| इस दारुण रात्री को गुरु प्रदत्त विधि से अपने आत्म-स्वरुप यानि सर्वव्यापी परमात्मा का ध्यान करें| इस रात्री में सुषुम्ना का प्रवाह प्रबल रहता है अतः निष्ठा और भक्ति से सिद्धि अवश्य मिलेगी|
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अपने गुरु नारद के द्वारा बताए हुए मन्त्रों से प्रह्लाद ने पाँचों तत्वों पर विजय प्राप्त कर ली थी, इस से उन्हें प्रत्येक पदार्थ में परमात्मा के दर्शन होने लगे| उनका कुछ भी अनिष्ट नहीं हो सका और उनकी रक्षा के लिए भगवान को स्वयं प्रकट होना ही पड़ा| इस रात्रि में पाँचों तत्व विद्यमान रहते हैं|
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आध्यात्मिक साधना और मंत्र सिद्धि के लिए चार रात्रियों का बड़ा महत्त्व है| होली की रात्री दारुण रात्री है जो मन्त्र सिद्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ है| इसके अतिरिक्त अन्य रात्रियाँ है .... कालरात्रि ,महारात्रि , और मोहरात्रि|
दारुण रात्री को की गयी मंत्र साधना बहुत महत्वपूर्ण और सिद्धिदायी है| अनिष्ट शक्तियों से रक्षा, रोग निवारण, शत्रु बाधा, ग्रह बाधा आदि समस्त नकारात्मक बाधाओं के निवारण के लिए किसी आध्यात्मिक रक्षा कवच की साधना अवश्य करें| मेरी टाइमलाइन वाल पर श्रद्धेय Swami Rupeshwaranand जी ने एक लेख टैग किया है उसे अवश्य पढ़िए जिस में उन्होंने कवच सिद्धी की विधि लिखी है|
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मैं तो व्यक्तिगत रूप से अपनी गुरु प्रदत्त साधना में रहूँगा और आप ध्यान में मुझे अपने समीप ही पाओगे| होली पर करने के कई तांत्रिक टोटके व साधनाएँ हैं जिन्हें लिखना मैं उचित नहीं समझता हूँ क्योकि मैं स्वयं उनकी साधना नहीं करता|
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इस सुअवसर का सदुपयोग करें और समय इधर उधर नष्ट करने की बजाय आत्मज्ञान ही नहीं बल्कि धर्म और राष्ट्र के अभ्युदय के लिए भी साधना करें| एक विराट आध्यात्मिक शक्ति के जागरण की हमें आवश्यकता है| यह कार्य हमें करना ही पड़ेगा| अन्य कोई विकल्प नहीं है|
पुनश्चः आप सब को नमन और होली की शुभ कामनाएँ|
ॐ ॐ ॐ ||

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