Thursday, 15 December 2016

मुझे समर्पण करना सिखाओ ....

मुझे समर्पण करना सिखाओ ....
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हे परमात्मा, हे भगवन, मैं वास्तव में स्वयं को आपमें पूर्णतः समर्पित करना चाहता हूँ| मुझे स्वयं को नहीं पता कि मुझे क्या करना चाहिए| अब तक तो जो कुछ भी किया, लगता है कि वह सब एक ढोंग या दिखावा मात्र ही था| वास्तविकता का नहीं पता| अब स्वयं को और धोखा नहीं देना चाहता| मेरे ह्रदय की सारी कुटिलता का नाश करो|
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मैं स्वयं को खाली करना चाहता हूँ| स्वयं पर कई विचार लाद रखे हैं उन सब से मुक्त करो| अपने स्वरुप का बोध कराओ| चैतन्य में सिर्फ आपकी ही स्मृति रहे| आपका ही निरंतर सत्संग सदैव बना रहे|
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ह्रदय में दहकती इस अतृप्त प्यास को बुझाओ| आप ही मेरी गति हैं और आप ही मेरे आश्रय हैं|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ ||

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