Monday 27 June 2016

भारत की राष्ट्रभाषा 'संस्कृत' हो .....

भारत की राष्ट्रभाषा 'संस्कृत' हो .....
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यूरोप में 24 आधिकारिक भाषाएँ हैं जो सभी पूर्ण रूप से विकसित हैं| वहाँ बालकों को अपनी मातृभाषा में ही पढाया जाता है|, जिससे उनमें मौलिकता, स्वाभिमान और राष्ट्रीय गौरव की भावना बनी रहती है| ऊँची से ऊँची पढाई भी वहाँ उनकी मातृभाषा में ही है|
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हमारे लिए यह डूब मरने की और शर्म की बात है कि हमें अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाकर उनकी मौलिकता समाप्त करनी पड़ रही है|
हमसे अच्छा तो इजराइल है जिसकी कुल आबादी दिल्ली के बराबर है पर वहाँ की सारी पढाई हिब्रू भाषा में है जिसे मृत भाषा घोषित कर दिया गया था| इससे उनका राष्ट्रीय स्वाभिमान इतना जागृत हो गया है कि चारों ओर से शत्रु राष्ट्रों से घिरे होकर भी वे शान से जी रहे है|
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हमारा अधिकाँश प्राचीन साहित्य संस्कृत भाषा में है| यदि भारत की राष्ट्रभाषा स्वतन्त्रता के समय से ही संस्कृत कर दी जाती तो आज भारत विश्व का सबसे अग्रणी राष्ट्र होता|

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