Sunday, 21 September 2025

(प्रश्न) : ब्रह्मशक्ति क्या है?

 (प्रश्न) : ब्रह्मशक्ति क्या है?

(उत्तर) : वर्षों पूर्व गोवा की सनातन संस्था के मार्गदर्शक डॉ.चारुदत्त पिंगले जी का एक लेख पढ़ा था जिसमें उन्होंने सभी हिंदुओं के लिये लिखा था कि हमें एक ब्रह्मशक्ति के जागरण की आवश्यकता है। इसके लगभग एक वर्ष पश्चात एक कार्यक्रम में दिल्ली में उनसे मिलना हुआ, जिसमें मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने ही ऐसा कहा था। उन्होने हाँ में उत्तर दिया। फिर मेरी चेतना में यह प्रश्न जागृत हुआ कि ब्रह्मशक्ति क्या है?
डॉ. पिंगले जी एक बार हमारे घर पर भी अचानक ही पधारे थे। जितने प्रबुद्ध नागरिकों को कम से कम समय में एकत्र कर सकता था, एकत्र किया और घर पर ही एक छोटी सी गोष्ठी भी रखी। फिर एक दिन पता चला कि वे झुंझुनूं के श्रीअरविंद आश्रम में ठहरे हुये हैं और मुझे याद कर रहे हैं। मैं वहाँ जाकर उनसे मिल कर आया। उनका पूरे भारत में भ्रमण होता है जिसका एकमात्र उद्देश्य हिंदुओं में आध्यात्मिक जन-जागृति है।
मेरी बहुत इच्छा थी और अभी भी है कि गोवा जाकर उनके सद्गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले जी के दर्शन करने की। लेकिन यह कभी संभव नहीं हो पाया। डॉ. जयंत बाळाजी आठवले जी के बारे में सुना है कि वे एक वयोवृद्ध सिद्ध महापुरुष हैं जिन्होंने जीवन में परमात्मा का साक्षात्कार किया है। उनकी साधना भारत को हिन्दूराष्ट्र बनाने की साधना है।
ईश्वर की इच्छा थी कि मैं स्वयं अपनी साधना से ब्रह्मशक्ति का साक्षात्कार करूँ। ऐसा किसी सिद्ध महापुरुष गुरु की परमकृपा और अनुग्रह से ही हो सकता है। पूर्व-जन्मों के गुरुओं का आशीर्वाद काम आया और इस विषय में अब कोई संशय नहीं रहा है। यह विषय बुद्धि का नहीं, अनुभूतियों का है। इसका बोध कुंडलिनी जागरण और सभी चक्रों के भेदन के पश्चात ही होता है। श्रीमद्भगवद्गीता में बताये हुये पुरुषोत्तम-योग की साधना से भगवान पुरुषोत्तम ही नहीं, परमशिव और ब्रह्मशक्ति का भी साक्षात्कार होता है। इस विषय पर किसी भी तरह का कोई संशय नहीं है। साक्षात्कार में पूर्णता तो अभी तक नहीं आयी है, लेकिन बनते बनते काम बन जायेगा, ऐसा एक दिव्य आश्वासन मुझे प्राप्त है। किसी भी तरह का कोई बौद्धिक संशय नहीं है।
ॐ तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !!
कृपा शंकर
२१ सितंबर २०२५

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