Thursday, 3 April 2025

सारी सृष्टि सारा ब्रह्मांड -- मेरा शरीर है, सारे प्राणी मेरा परिवार हैं ---


सारी सृष्टि सारा ब्रह्मांड -- मेरा शरीर है, सारे प्राणी मेरा परिवार हैं। मैं कूटस्थ ज्योतिर्मय ब्रह्म (निरंतर विस्तृत, सर्वव्यापक) परमशिव (परम कल्याणकारी) हूँ, जो इस समय यह एक अति साधारण, सामान्य, अकिंचन मनुष्य बन गया है।
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इस समय मैं एक निमित्त मात्र हूँ, कर्ता तो परमशिव है। मैं जो कुछ भी लिखता हूँ, वह मेरा सत्संग है, जिसका एकमात्र उद्देश्य -- अपने स्वयं, सनातन-धर्म और भारत के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करना है। मैं अपने या किसी अन्य के मनोरंजन के लिए बिल्कुल भी नहीं लिखता। कौन क्या सोचता है यह उसकी समस्या है, मेरी नहीं। ॐ शिव शिव शिव !!
अप्रैल ४, २०२३.

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