Wednesday, 18 December 2024

सनातन धर्म का मूल सिद्धान्त है --- "परमात्मा से प्रेम और समर्पण"; बाकी सब इसी का विस्तार है ---

 सनातन धर्म का मूल सिद्धान्त है --- "परमात्मा से प्रेम और समर्पण"; बाकी सब इसी का विस्तार है ---

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यह मेरा सौभाग्य है कि सनातन धर्म के वर्तमान सभी प्रमुख संप्रदायों के संत-महात्माओं से सत्संग का अवसर मुझे प्राप्त हुआ है| एक सामान्य सूत्र जो सभी को एक साथ बाँधता है, वह है --- परमात्मा से प्रेम और समर्पण|
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म, भक्ति, और ज्ञान को बहुत अच्छी तरह विस्तार से समझाया है| भक्तिसूत्रों में नारद जी ने परमप्रेम को ही भक्ति कहा है|
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भगवान की भक्ति में उत्तरोतर वृद्धि तिथियाँ जैसे प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया आदि तो निरंतर आती ही रहती हैं, लेकिन पूर्णमासी कभी भी नहीं आती| पूर्णमासी के स्थान पर भगवान स्वयं ही पधारते हैं| भक्ति कभी मत छोड़ो| एक न एक दिन भगवान को आना ही पड़ेगा| यह उनके द्वारा दिया हुआ वचन है|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !! 🌹🙏🕉🙏🌹
कृपा शंकर
१९ दिसंबर २०२०

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