Tuesday 9 January 2018

स्वयं में दृढ़ आस्था रखें, हमारी आस्था हमें निश्चित विजय दिलाएगी .....

स्वयं में दृढ़ आस्था रखें, हमारी आस्था हमें निश्चित विजय दिलाएगी .....
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हम स्वयं में दृढ़ आस्था रखें, सफलता के सारे गुण हम में हैं | वर्तमान काल में सफल व्यक्ति उसी को मानते हैं जिसने अधिकाधिक रुपये बनाए हैं, और खूब धन-संपत्ति एकत्र की है | पर वास्तव में यह सत्य नहीं है | दुनियाँ जिनको सर्वाधिक सफल व्यक्ति मानती है, इन में से अधिकांश व्यक्ति कुण्ठाग्रस्त होकर मरते हैं, कई तो आत्म-ह्त्या कर के मरते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन में कोई संतुष्टि नहीं मिलती | वास्तव में सफल व्यक्ति वह है जिसने अपने निज जीवन में परमात्मा को प्राप्त किया है | परमात्मा की खोज एक शाश्वत जिज्ञासा है और यह जिज्ञासा विवेकशील व्यक्तियों में ही होती है | वह सबसे अधिक बुद्धिमान व्यक्ति है, जो परमात्मा को प्राप्त करने की उपासना कर रहा है | अंततः हमें सुख, शांति, संतुष्टि और सुरक्षा परमात्मा में ही मिलती हैं |
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असफलता का मुख्य कारण हमारे नकारात्मक विचार हैं | ये नकारात्मक विचार हमारे आत्मबल को नष्ट कर देते हैं | नकारात्मक विचारों से बचने के लिए हमें प्रातःकाल में उठते ही महापुरुषों का स्मरण करना चाहिए और परमात्मा का चिंतन करना चाहिए | व्यक्ति उसी समय से आत्मबल खोने लगता है जब उसकी आसक्ति परमात्मा से भिन्न वस्तुओं में होने लगती है| यह आसक्ति ही सबसे बड़ा बन्धन है| इसे ही राग कहते हैं| आसक्ति का विषय जब उपलब्ध नहीं होता तब हमें द्वेष और क्रोध आता है | ये हमारे विवेक को नष्ट कर देते हैं |
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मैंने पाया है कि जिस दिन भी मैंने प्रातःकाल में उठते ही प्रातःस्मरणीय महापुरुषों का स्मरण किया और परमात्मा का ध्यान किया उस के बाद लगभग पूरे दिन ही कोई नकारात्मक विचार नहीं आया | जब किसी नकारात्मक व्यक्ति से मिलना होता है या उसकी स्मृति आती है, तब थोड़ी देर में ही एक गहरी नकारात्मकता भी आ जाती है | इसीलिए शास्त्रों में कहा है कि कुसंग का सर्वदा त्याग करना चाहिए | किसी नकारात्मक व्यक्ति का स्मरण भी कुसंग होता है | परमात्मा के निरंतर चिंतन का अभाव ही नकारात्मकता को जन्म देता है| अतः हमें अपने दिन का प्रारम्भ भी परमात्मा के चिंतन से करना चाहिए, और समापन भी परमात्मा के चिंतन से करना चाहिए| हर समय परमात्मा की स्मृति भी रहनी चाहिए| परमात्मा में यानि स्वयं में आस्था निश्चित विजय दिलाएगी |
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
०८ जनवरी २०१८

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