Sunday 20 January 2019

आध्यात्मिक साधना क्या होती है ?

आध्यात्मिक साधना क्या होती है ?
आध्यात्मिक साधना का अर्थ है आत्म-साधना यानि स्वयं की अपनी आत्मा को जानना और अपनी सर्वोच्च क्षमताओं का विकास करना| मनुष्य के जब पापकर्मफल क्षीण होने लगते हैं और पुण्यकर्मफलों का उदय होता है तब परमात्मा को जानने की एक अभीप्सा जागृत होती है और करुणा व प्रेमवश परमात्मा स्वयं एक सद्गुरु के रूप में मार्गदर्शन करने आ जाते हैं| स्वयं के अंतर में इस सत्य का बोध तुरंत हो जाता है|
साधक को उसकी पात्रतानुसार ही मार्गदर्शन प्राप्त होता है जिसका अतिक्रमण नहीं हो सकता| ये पंक्तियाँ लिखने का मेरा उद्देश्य यही है कि साधना के मार्ग में किसी भी प्रकार का लालच व अहंकार .... पतन का कारण हो जाता है| परमात्मा के सिवाय अन्य किसी भी लाभ की आकांक्षा नहीं होनी चाहिए, अन्यथा पतन सुनिश्चित है|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१ जनवरी २०१९

1 comment:

  1. बर्फ की तरह पिंघल कर और भाप की तरह उड़ कर ही हम ममत्व से छुटकारा पा सकते हैं. जो कुछ भी दिख रहा है वह सब एक दिन अदृश्य हो जाएगा. वह प्रकाश ही सत्य है जो सभी दीपों में प्रकाशित है. स्वयं को जलाकर उस प्रकाश में वृद्धि करो. सारा अन्धकार एक रोग की तरह है जिस से मुक्त हुआ जा सकता है. वास्तव में हम सब प्रकाशों के प्रकाश ज्योतिषांज्योति भी हो सकते हैं.
    ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!

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