साकार रूप में किस का ध्यान करें ?
इस का कोई भी एक उत्तर सभी के लिए समान नहीं हो सकता| अपने अपने स्वभाव व रूचि के अनुसार इष्ट देवी/देवता भी सबके अलग होते हैं|
वृन्दावन में स्वामी मधुसुदन सरस्वती नाम के एक बहुत बड़े आचार्य हुए थे जिन्होनें गीता की मधुसुदनी टीका लिखी थी| ये आचार्य शंकर की परंपरा के सन्यासी थे| इन्होने भगवान श्रीकृष्ण को ही परम तत्व बताया है| भगवान श्रीकृष्ण की वंदना में उनका निम्न श्लोक बहुत अधिक लोकप्रिय है ....
इस का कोई भी एक उत्तर सभी के लिए समान नहीं हो सकता| अपने अपने स्वभाव व रूचि के अनुसार इष्ट देवी/देवता भी सबके अलग होते हैं|
वृन्दावन में स्वामी मधुसुदन सरस्वती नाम के एक बहुत बड़े आचार्य हुए थे जिन्होनें गीता की मधुसुदनी टीका लिखी थी| ये आचार्य शंकर की परंपरा के सन्यासी थे| इन्होने भगवान श्रीकृष्ण को ही परम तत्व बताया है| भगवान श्रीकृष्ण की वंदना में उनका निम्न श्लोक बहुत अधिक लोकप्रिय है ....
"वंशी विभूषित करान्नवनवनीरदाभात् ,
पीताम्बरारुण बिम्ब फलाधरोष्टात् |
पूर्णेंदु सुंदर मुखारारविन्द नेत्रात,
कृष्णात परम किमपि तत्वमहम् न जाने ||"
योग मार्ग के अधिकाँश पथिक जिनसे मेरा मिलना हुआ है साकार रूप में भगवान श्रीकृष्ण के ही उपासक हैं| निराकार रूप में वे परमशिव का ध्यान करते हैं|
अपने अपने इष्ट देव की उपासना अपनी अपनी गुरु परम्परा के अनुसार खूब मन लगाकर पूरी भक्तिभाव से करें| सभी को सप्रेम सादर नमन और शुभ कामनाएँ | सभी का कल्याण हो | ॐ तत्सत ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१५ मई २०१८
पीताम्बरारुण बिम्ब फलाधरोष्टात् |
पूर्णेंदु सुंदर मुखारारविन्द नेत्रात,
कृष्णात परम किमपि तत्वमहम् न जाने ||"
योग मार्ग के अधिकाँश पथिक जिनसे मेरा मिलना हुआ है साकार रूप में भगवान श्रीकृष्ण के ही उपासक हैं| निराकार रूप में वे परमशिव का ध्यान करते हैं|
अपने अपने इष्ट देव की उपासना अपनी अपनी गुरु परम्परा के अनुसार खूब मन लगाकर पूरी भक्तिभाव से करें| सभी को सप्रेम सादर नमन और शुभ कामनाएँ | सभी का कल्याण हो | ॐ तत्सत ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१५ मई २०१८
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