Tuesday 27 November 2018

वेदों के चार महावाक्य .....

वेदान्त में वेदों के चार महावाक्यों का बड़ा महत्व है .....
(१) 'प्रज्ञानं ब्रह्म' -------- (ऐतरेय उपनिषद) --------- ऋग्वेद,
(२) 'अहम् ब्रह्मास्मि' --- (बृहदारण्यक उपनिषद) --- यजुर्वेद,
(३) 'तत्वमसि' ---------- (छान्दोग्य उपनिषद्) ------- सामवेद,
(४) 'अयमात्माब्रह्म' ----- (मांडूक्य उपनिषद) --------अथर्व-वेद |
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इन के शाब्दिक अर्थ पर मत जाइए, इनका तात्विक अर्थ परमात्मा की कृपा से ही समझ में आ सकता है| इन महावाक्यों को आधार बना कर हमारे महान ऋषियों ने तपस्या की और महान बने| वे महावाक्य हमारे भी जीवन का आधार बनें| इनके दर्शन ऋषियों को गहन समाधि में हुए| इनकी समाधि भाषा है जिसे कोई श्रौत्रीय ब्रह्मनिष्ठ आचार्य ही समझा सकता है|

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