Saturday 24 February 2018

बाबा रामदेव की शिक्षाएँ और पातंजलि का "योग-दर्शन" ....

बाबा रामदेव की शिक्षाएँ और पातंजलि का "योग-दर्शन" ....
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यह लेख किसी भी तरह की निंदा या आलोचना के लिए नहीं है| सिर्फ एक स्वतंत्र परिचर्चा है| बाबा रामदेव तीन-चार वर्ष पूर्व हमारे गृह-नगर पधारे थे तब हमने उनका खूब सम्मान किया था| उन्होंने भी मेरे गले में एक रुद्राक्ष की माला पहिना कर सम्मान किया था| यहाँ मैं उनकी आलोचना नहीं, सिर्फ एक स्वतंत्र विचार रख रहा हूँ|
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बाबा रामदेव की शिक्षाएँ "हठयोग-प्रदीपिका" और "घेरंड-संहिता" पर आधारित हैं| उन्होंने कुछ भी "पातंजल योगदर्शन" से नहीं लिया है| शेषावतार भगवान पातंजलि की शिक्षाओं का आरम्भ पाँच यमों से हैं जो ..... "अहिंसा", "सत्य", "अस्तेय", "ब्रह्मचर्य", और "अपरिग्रह" हैं| बाबा रामदेव इन पाँच पर तो कभी नहीं बोलते| फिर पाँच नियम हैं ... "शौच", "संतोष", "तप", "स्वाध्याय" और "ईश्वर-प्रणिधान"| इन पर भी बाबा रामदेव कभी कुछ नहीं बोलते| आसनों के बारे में भी पातंजलि ने स्थिर होकर सुख से बैठने को ही आसन कहा है| हठयोग के योगासन पातंजलि के योगदर्शन में कहीं भी नहीं हैं| प्राणायाम गोपनीय हैं क्योंकि वे दुधारी तलवार हैं| बिना शुद्ध आचार-विचार के उनका अभ्यास वर्जित हैं| हठयोग के प्राणायाम पतंजलि ने कहीं पर भी नहीं बताये हैं| फिर आगे प्रत्याहार, धारणा और ध्यान की बातें यहाँ करना अनावश्यक है|
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बाबा रामदेव की शिक्षाएँ पूर्णतः हठयोग की शिक्षाएँ हैं, वे हठयोगियों के लिए आवश्यक हैं| उनका लाभ भी लोगों को बहुत अधिक हो रहा है पर पातंजलि का नाम रखना सही नहीं है क्योंकि पातंजलि की शिक्षाओं का समावेश यहाँ कहीं भी नहीं है| पातंजलि का नाम रखना एक व्यभिचार की श्रेणी में आता है|
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यह लेख कोई निंदा या बुराई नहीं है, मेरे बहुत सारे मित्र बाबा रामदेव की संस्था से जुड़े हुए हैं, वे बुरा नहीं मानें| धन्यवाद!

1 comment:

  1. बाबा रामदेव को मैं पिछले पांच-सात साल से नित्य प्रातः टीवी की आस्था चैनल पर भोर में देखता हूँ| कई बार उनके साथ साथ व्यायाम भी करता हूँ| आज तक कभी उनके मुख से पातंजलि योगदर्शन की बात नहीं सुनी| पुस्तक उन्होंने किसी से लिखवाई होगी| सबसे अच्छा भाष्य व्यास भाष्य है|

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