Saturday, 24 February 2018

हमें चीन की तर्ज पर जनसंख्या नियंत्रण क़ानून बहुत अधिक सख्ती से लागू करना ही होगा....

हमें चीन की तर्ज पर जनसंख्या नियंत्रण क़ानून बहुत अधिक सख्ती से लागू करना ही होगा....
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मैं सन १९८५ में दो महीने के लिए चीन गया था उस समय वहाँ "एक दंपत्ति के एक ही संतान" वाला नियम बहुत अधिक कठोरता से लागू था जिसके अच्छे-बुरे परिणाम भी दिखाई दे रहे थे| इस से कुछ सामाजिक समस्याएँ तो उत्पन्न हुईं पर कुल मिलाकर चीन देश का इस से बहुत अधिक कल्याण हुआ| चीन ने अपनी बढ़ती हुई जनसंख्या को नियंत्रित किया जिससे बेरोजगारी समाप्त हुई, और संसाधनों की कमी दूर हुई| फिर मुझे दुबारा सन १९९५ के आसपास चीन जाने का अवसर मिला तब सीमित संख्या में कुछ लोगों को दो संतान उत्पन्न करने की छूट मिल गयी थी| तीसरी और अंतिम बार चीन सन २००० में गया तब सभी को दो संतान उत्पन्न करने की छूट मिल गयी थी जो अभी तक है| अब चीन की जनसंख्या पूरी तरह नियंत्रित है| जनसंख्या के नियंत्रण से चीन अपने देश की घोर गरीबी और अव्यवस्था दूर करने में समर्थ हुआ है|
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सन १९८० के दशक तक चीन की स्थिति भारत से तो बहुत ही अधिक खराब थी| वहां घोर गरीबी थी और जीवन बड़ा अभावग्रस्त था| वर्त्तमान में वहाँ साम्यवाद तो समाप्त हो चुका है पर साम्यवादी दल का तानाशाही शासन है| जनसंख्या नियंत्रित करने के बहुत अच्छे परिणाम हुए है| चीन में जनसंख्या नियंत्रण बन्दूक की नोक पर या कह सकते हैं कि डंडे के जोर पर हुआ है| भारत में पता नहीं ऐसा हो पायेगा या नहीं| जनसंख्या नियंत्रित करने की बात करते ही यहाँ अल्पसंख्यक-बहुसन्ख्यक, अगड़ा-पिछड़ा, मानवाधिकार आदि की राजनीति प्रारम्भ हो जायेगी|
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कुछ भी हो जाए पर भारत को अपनी अराजकता, भूखमरी और दरिद्रता से मुक्ति पाने के लिए कठोरता से जनसंख्या नियंत्रित करनी ही पड़ेगी|

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