Saturday 8 December 2018

मनोनिग्रह और धार्मिक-मनोरंजन .....

मनोनिग्रह और धार्मिक-मनोरंजन .....
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मनोनिग्रह और मनोरंजन में कुछ तो अंतर होगा ही जो स्पष्ट होना चाहिए| मनोरंजन ..... धार्मिक-मनोरंजन भी हो सकता है, उस से क्या व कितना लाभ है, और कितनी आध्यात्मिक प्रगति की संभावना है? मुझे लगता है आजकल भक्ति के नाम पर धार्मिक-मनोरंजन ही अधिक हो रहा है| धार्मिक-मनोरंजन कुछ कुछ बुराई की ओर जाने से तो रोकता है पर उसमें आगे और प्रगति की संभावनाएँ क्रमशः क्षीण होती जाती हैं, और आध्यात्मिक प्रगति अवरुद्ध हो जाती है|
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व्यवहारिक रूप से देखने में आता है कि व्यक्ति जितना धार्मिकता का दिखावा या ढोंग करता है उतना ही उसमें झूठ, छल-कपट, अहंकार, व हिंसा आ जाती है| धार्मिकता का दिखावा अत्यधिक भयावह हिंसा को जन्म देता है| पिछले दो हज़ार वर्षों का इतिहास देख लीजिये, सारी हिंसाएँ धर्म/मज़हब/रिलीजन के नाम पर ही हुई हैं| हज़ारों करोड़ मनुष्यों की ह्त्या और अनेक सभ्यताओं का क्रूरतम विनाश धर्म/मज़हब/रिलीजन के नाम पर ही हुआ है| यह तो दूर की बात है, अपने समाज में ही देख लीजिये, जो व्यक्ति जितना धार्मिकता का दिखावा करता है वह उतना ही अधिक स्वार्थी और हिंसक है|
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अंतःकरण में मन अकेला ही नहीं है, उसके साथ बुद्धि, चित्त और अहंकार भी हैं| अकेला मनोनिग्रह कभी सफल नहीं हो सकता| उसके साथ बुद्धि, चित्त और अहंकार का निग्रह भी आवश्यक है| यह सब के अलग अलग विचार का विषय है कि पूरे अंतःकरण की शुद्धि और उसका परमात्मा को समर्पण कैसे हो? सिर्फ संकल्प से या विचार से ही समर्पण नहीं हो सकता| गीता में भगवान कहते हैं .....
"सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज| अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः||१८:६६||
यहाँ "धर्म" शब्द का क्या अभिप्राय है, यह समझना अति आवश्यक है| इस श्लोक की व्याख्या करने में सभी अनुवादकों, भाष्यकारों, समीक्षकों और टीकाकारों ने अपनी सम्पूर्ण क्षमता एवं मौलिकता की पूँजी लगा दी है| व्यापक आशय के इस महान् श्लोक के माध्यम से प्रत्येक दार्शनिक ने अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करने का प्रयत्न किया है|
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अंत में मैं एक ही निवेदन करूंगा कि हम समय समय पर विचार करते रहें कि क्या हम सचमुच आध्यात्मिक प्रगति कर रहे हैं? यदि नहीं, तो कहाँ पर अटके हुए हैं, और वह अवरोध दूर कैसे हो?
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आप सब प्रबुद्ध आत्माओं को नमन ! ॐ तत्सत् ! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !
कृपा शंकर
८ दिसंबर २०१८

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