Saturday, 2 June 2018

गर्मी का खूब आनंद लें .....

गर्मी का खूब आनंद लें .....

इस गर्मी के मौसम में प्रातःकाल साढ़े तीन बजे उठें और उषःपान व शौचादि से निवृत होकर चार बजे से साढ़े पाँच बजे तक बाहर खुले में बैठकर भगवान का ध्यान या नामजप करें| इतना आनंद आयेगा जो अवर्णनीय है| साढ़े पाँच से साढ़े छः बजे तक किसी बगीचे मे या बाहर कहीं शुद्ध हवा में लम्बे लम्बे साँस लेते हुए घूमने के लिए जाएँ| जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए| हर क्षण का आनंद लें| सुख और दुःख एक मानसिक अवस्था मात्र है| खूब प्रसन्न रहें और जीवन को आनंदमय बना लें|
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आजकल दिन में जहाँ तक हो सके धूप में बाहर ना निकलें| यदि निकलना ही पड़े तो सिर को मोटे सूती कपडे से अच्छी तरह ढक लें| छाते का भी प्रयोग करें| गर्म हवा से देह को बचाएं| सफ़ेद सूती वस्त्र पहिनें| नंगे पाँव गर्म भूमि पर न चलें| घर से बाहर लिकलने से पूर्व खूब पानी पीकर चलें| प्यास लगते ही खूब पानी पीएँ| अनावश्यक बाहर खुले में ना रहें| किसी को लू लग जाना एक मेडिकल आपत्काल होता है| तुरंत उपचार न मिलने से मृत्यु हो सकती है| इसलिए सभी को इसका प्राथमिक उपचार सीख लेना चाहिए|
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इस मौसम में छाछ, बील का शरबत, नीबुपानी, कच्चे आम का पना और तरबूज का सेवन बहुत लाभदायक और मजेदार भी होता है| प्याज भी दवा का काम करता है| राजस्थान और हरयाणा में छाछ और बाजरे के आटे से एक विशेष विधि से एक पेय बनाते हैं जिसे 'राबड़ी' कहते हैं| यह राबड़ी पीने से लू और गर्मी से रक्षा होती है| जितनी लू चलती है, खरबूजा उतना ही मीठा होता है| आजकल लू चल रही है तो खरबूजे भी बहुत मीठे आ रहे हैं| दूध और आम के रस को मिलाकर एक पेय 'अमरस' बनाया जाता है जिसको ठंडा कर के रात्रि में पीने का आनंद अमृततुल्य है|
 कृपा शंकर
३१ मई २०१८

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