Thursday 15 March 2018

हमारा वर्तमान जीवन ..... अनंत कालखंड में एक छोटा सा पड़ाव मात्र है .....

हमारा वर्तमान जीवन ..... अनंत कालखंड में एक छोटा सा पड़ाव मात्र है .....
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हे प्रभु, इतनी सामर्थ्य दो कि मैं इस अल्पकाल की तुच्छ चेतना से ऊपर उठकर तुम्हारी अनंतता, प्रेम और सर्वव्यापकता बनूँ| देश काल का कोई बंधन न रहे| मेरी हर कमी आपकी प्रत्यक्ष उपस्थिति से ही दूर होगी| आप का ध्यान ही वास्तविक और एकमात्र सत्संग है| बुरे और नकारात्मक विचार मेंरे सबसे बड़े शत्रु हैं| आप की परम चेतना ही मेरा घर है| मैं सदा आपकी चेतना में ही रहूँ| एक क्षण के लिए भी न भटकूँ|

ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१६ मार्च २०१६

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