Wednesday 14 November 2018

बाल दिवस .....

बाल दिवस ..... आज १४ नवम्बर को बाल दिवस है जो जवाहरलाल नेहरु के जन्मदिवस पर मनाया जाता है| पहले मैं सोचता था कि जवाहरलाल नेहरु अपने बचपन में कोई महान बालक रहा होगा, पर वास्तविकता तो कुछ और ही निकली| जवाहरलाल नेहरु के जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जो बालकों का आदर्श बने| यह 'नेहरु' शब्द कैसे बना इसके बारे में दो मत हैं|
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(१) कुछ कश्मीरी ब्राह्मण मुग़ल बादशाह अकबर को विष्णु का अवतार मानते थे और अपने व्रत का पारन अकबर का दर्शन करने के बाद ही करते थे| अकबर अपनी ड्योढी में बैठकर उनको दर्शन देता था| इन कश्मीरी ब्राह्मणों ने अकबर के मन में यह भावना बैठा दी कि वह भगवान है| वह इन कश्मीरी ब्राह्मणों से बहुत प्रसन्न था और उन को दर्शनी बिराहमन कहता था पर वे कोई फारसी नाम चाहते थे अतः अकबर ने उनको "निहारू" नाम दिया जिसका अर्थ होता है निहारने वाला| यह निहारू शब्द ही अपभ्रंस होकर नेहरु बन गया|
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(२) दूसरा मत है कि १८५७ के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की विफलता के पश्चात अंग्रेज़ी फ़ौज मुग़ल खानदान के सभी लोगों को निर्दयता से फांसी दे रही थी| मुग़ल खानदान का पुरुष, स्त्री या बालक कोई भी मिलता, अंग्रेजी फौज उसे उसी समय पास के किसी भी पेड़ पर फांसी लगा देती| दिल्ली के प्रायः हर वृक्ष पर लाशें लटकी हुई थीं| दि्ल्ली का एक मुग़ल कोतवाल घियासुद्दीन गाज़ी ब्राह्मण का वेश बनाकर आगरा की ओर भाग रहा था| रास्ते में अंग्रेजी फौज ने उससे नाम पूछा तो उसने अपना नाम पंडित गंगाधर बताया| वह बच गया और आगरा में किसी नहर के किनारे जा बसा| उसके वंशज 'नहरवा' और फिर 'नेहरू' कहलाये| ये लोग बाद में इलाहाबाद में रहने लगे| ये नेहरु लोग दिखावे के लिए हिन्दू कश्मीरी ब्राह्मण थे पर वास्तव में अन्दर से मुसलमान थे|
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नेहरु के जीवन में ऐसा कुछ भी आदर्श नहीं था जो उसे महान बनाए| वह एक फर्जी पंडित, गोमांसभक्षी, परस्त्रीगामी और अत्यधिक कामुक और लम्पट व्यक्ति था जो सिफलिस नाम की एक गन्दी से गन्दी यौन संक्रमित बीमारी से मरा जो अनेक तरह की अनेक स्त्रियों के साथ सम्भोग के कारण होती है|
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बालदिवस उन महान बालकों के जन्मदिवस पर मनाया जाना चाहिए और उन बालकों को याद करना चाहिये जिन्होने देश या धर्म के लिये कुछ न कुछ अच्छा काम किया हो| हमारे देश में वीर हकीकत राय, गोरा और बादल, तथा 'गुरु गोबिन्द सिहं के सुपुत्रों' जैसे अनेक वीर बालक हुये हैं|

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