उपसंहार ---
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मेरी आध्यात्मिक आयु तो सिर्फ "एक" है जो "अनंतता" है। लेकिन सरकारी अभिलेखों के अनुसार मेरी लौकिक आयु ७६+ है। इसी क्षण से मैं अपना समय सिर्फ उन्हीं को दे सकता हूँ जिनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य परमात्मा का साक्षात्कार (आत्म-साक्षात्कार) है; जो नित्य कम से कम तीन घंटे भगवान की उपासना करते हैं, और दिन में निरंतर २४ घंटे, सप्ताह में सातों दिन, परमात्मा की चेतना में रहते हैं। सभी सामाजिक संस्थाओं को और सामाजिक संपर्क भी ३१ मार्च २०२३ के पश्चात छोड़ रहा हूँ।
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मैं अकेला नहीं हूँ, मेरे साथ सारा ब्रह्मांड, सारी अनंतता, और सारी सृष्टि परमात्मा की उपासना करती है। मैं सारी सृष्टि के साथ एक हूँ। मैं और मेरे प्रभु एक हैं।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१५ जनवरी २०२३
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