Friday 20 January 2023

उपासना ---

 उपासना ---

दिन में २४ घंटे, सप्ताह में सातों दिन, हर क्षण प्रयास यही रहता है कि ब्रह्मरंध्र से ऊपर इस भौतिक शरीर महाराज से बाहर परमशिव की अनंत विराट चेतना में ही रहते हुये उनकी उपासना हो।
जब तक प्राणरूप में जगन्माता भगवती इस देह को जीवित रखना चाहती है, रखे। वे जो भी काम करवाना चाहती है, वह करवाये। यह शरीर महाराज और उससे जुड़ा अंतःकरण (मन बुद्धि चित्त अहंकार) सब कुछ उन्हीं का है, मेरा कुछ भी नहीं है। मेरा सम्पूर्ण जीवन परमशिव को समर्पित है।
तत्सत् !! 🙏🕉🕉🕉🙏
कृपा शंकर
१७ जनवरी २०२३

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