Friday, 20 January 2023

हिन्दू समाज बिल्कुल भी सोया हुआ या असंगठित नहीं है ---

 हिन्दू समाज इस समय बिल्कुल भी सोया हुआ या असंगठित नहीं है। विश्व का सबसे अधिक जागृत समाज है। सिर्फ धर्म-शिक्षा का अभाव है, जिससे हिंदुओं को पहले तो अंग्रेजों व पूर्तगालियों ने, फिर काँग्रेस सरकार ने वंचित किया। अभी भी गुरुकुलों की शिक्षा को मान्यता प्राप्त नहीं है, जब कि मदरसों व कॉन्वेंटों की शिक्षा को है। भारत का संविधान हिंदुओं को अपने धर्म की शिक्षा का अधिकार सरकारी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में नहीं देता, क्योंकि हमारा संविधान यथार्थ में बुहुविधान है, न कि संविधान (समान कानून और नीति-नियम)।

जब समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी तब हिन्दू समाज विश्व का हर दृष्टिकोण से सर्वश्रेष्ठ समाज होगा।
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अपराजेय हिन्दू समाज कभी पराजित हुआ तो अपनी सद्गुण-विकृति के कारण ही हुआ, न कि किसी अन्य कारण से। हम पानीपत का तीसरा युद्ध भी हारे तो अपनी सद्गुण-विकृति से हारे, न कि किसी अन्य कारण से। मेरा अब भी मानना है कि पानीपत के तीसरे युद्ध में यदि मराठा सेना जीतती तो भारत में अंग्रेजी राज्य कभी भी स्थापित नहीं हो सकता था। अंग्रेजों ने भारत की सत्ता मराठों को छल-कपट से हराकर ही उनसे छीनी थी, न कि धर्मयुद्ध से हराकर।
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भारत कभी भी पराधीन नहीं हुआ। भारत की पराधीनता का सारा इतिहास झूठा है। विदेशी शासकों ने भारत के कुछ शासकों के साथ मिलकर ही उनके सहयोग से भारत पर राज्य किया। (महान इतिहासकार प्रो.डॉ.रामेश्वर मिश्र पंकज, और प्रो.डॉ.कुसुमलता केडिया ने इसे अपने ऐतिहासिक ग्रंथों में सिद्ध किया है)
भारत अपने द्वीगुणित परम वैभव को प्राप्त होगा।
वंदे मातरं।
१५ जनवरी २०२३

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