Tuesday, 18 March 2025

देश के रजोगुण में वृद्धि, और तमोगुण का ह्रास देश की प्रगति का सूचक है ---

 देश के रजोगुण में वृद्धि, और तमोगुण का ह्रास देश की प्रगति का सूचक है ---

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पिछले कुछ समय में अत्यधिक सराहनीय एक सकारात्मक परिवर्तन पूरे देश में हुआ है। तमोगुण में कुछ कमी आयी है और रजोगुण में वृद्धि हुई है। लोगों के सोच-विचार और आचरण में भी बहुत सुधार हुआ है।
हमारा लक्ष्य बहुत ऊंचा रहे, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण तो गीता के दूसरे अध्याय के ४५वें श्लोक में हमें निस्त्रेगुण्य यानि गुणातीत होने को कहते हैं। गुणातीत वही हो सकता है जो वीतराग और स्थितप्रज्ञ हो। गीता में भगवान कहते हैं --
"त्रैगुण्यविषया वेदा निस्त्रैगुण्यो भवार्जुन।
निर्द्वन्द्वो नित्यसत्त्वस्थो निर्योगक्षेम आत्मवान्॥"२:४५॥
यहाँ भगवान हमें निस्त्रेगुण्य ही नहीं, अपितु हमें नित्यसत्वस्थ, निर्योगक्षेम और आत्मवान होने को भी कहते हैं।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१४ मार्च २०२५

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