Monday, 16 June 2025

तपोभूमि भारत ---

 तपोभूमि भारत ---

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ऋषि-मुनियों, संत-महात्माओं, धर्म-आध्यात्म, भक्ति-शौर्य, वेद-पुराण, योग-वेदांत, विभिन्न दर्शन शास्त्रों, त्याग-तपस्या व साधना-उपासना की पुण्यभूमि भारत पर अब भी चोर-उचक्कों, व्यभिचारी-भ्रष्टाचारियों, अधर्मी-दुष्टों का वर्चस्व है| शासक वर्ग तो विधान से ऊपर होकर जी रहा है| भूमिचोर शासक बन गए हैं| देश को बेचते जा रहे हैं| बाजारों पर विदेशियों का अधिकार हो रहा है| देश का धन विदेशों में जा रहा है| देश का विधान भारतीय लगता ही नहीं है| अल्पसंख्यकवाद, आरक्षण, धर्मनिरपेक्षतावाद आदि से देश की अखण्डता इतिहास के पन्नों में खो रही है| भारतीय संस्कृति लुप्तप्राय होती जा रही है|
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व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन कुंठा, असंतोष और तनाव से भर गया है| बिलकुल वैसी ही स्थिति बन गयी है जो महाविनाश से पूर्व होती है| देश की शिक्षा पद्धति व्यक्ति को कर्महीन व लोभी-लालची बनाती जा रही है| सारे नैतिक मूल्य लुप्त होते जा रहे हैं|
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ऐसे में क्या हम तटस्थ रह सकते हैं? हम मातृभूमि के अभ्युत्थान और नि:श्रेयस के लिए क्या कर सकते हैं? हम हमारी पुण्यभूमि को कैसे परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बैठा सकते हैं? क्या हम सब इन बिन्दुओं पर विचार करेंगे? यदि कुछ नहीं कर सकते तो हमारा जीवन व्यर्थ है|
जय जननी, जय भारत||
१७ जून २०१३

विश्व युद्ध की संभावना है भी, और नहीं भी है ---

 विश्व युद्ध की संभावना है भी, और नहीं भी है ---

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(यह लेख लिखना मुझे अति अति आवश्यक लगा इसलिए लिख रहा हूँ)
रूस और अमेरिका के मध्य इस समय एक बहुत बड़ा तनाव चल रहा है। अमेरिका ने रूस को और रूस ने अमेरिका को चारों ओर से घेर रखा है। यूक्रेन में युद्ध अमेरिका ने आरंभ करवाया था रूस को नष्ट करने के लिए ताकि रूस के संसाधनों पर अमेरिका का नियंत्रण हो सके। अभी इटली में जो G-7 सम्मेलन हुआ था उसका भी एकमात्र उद्देश्य रूस को नीचा दिखाना था।
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रूस ने हाइपरसोनिक मिसाइलों में परमाणु अस्त्र लगाकर क्यूबा में, जो अमेरिका के बिलकुल समीप है, तैनात कर दिये हैं, और रूस की न्यूक्लीयर पण्डुब्बियों ने परमाणु अस्त्रों के साथ अमेरिका और ब्रिटेन को घेर रखा है। अमेरिका ने भी रूस से लगे हुए नाटो देशों में आणविक अस्त्र तैनात कर दिये हैं। एक ओर से जरा सी भी भूल अमेरिका, ब्रिटेन सहित अनेक नाटो देशों को नष्ट कर सकती है। आधा रूस भी नष्ट हो जाएगा। रूस की ओर से उत्तरी कोरिया भी अपने आणविक अस्त्रों से अमेरिका के गुआम और हवाई द्वीप समूह, और अमेरिका के पश्चिमी तट के अनेक स्थानों को नष्ट कर सकता है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध आरंभ होने पर मैंने यूक्रेन और क्रीमिया क्षेत्र के इतिहास और तत्कालीन परिस्थितियों का अध्ययन और निष्पक्ष विश्लेषण किया था। वर्तमान युद्ध का पूरा दोष मैं अमेरिका को देता हूँ। यूक्रेन के भ्रष्ट शासक अमेरिका की शह पर ही यह सब कर रहे हैं। पूरी तरह मेरी सहानुभूति रूस के साथ है। रूस ने अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए जो किया है, वह सही किया है। मैं रूस में भी रहा हूँ, और यूक्रेन में भी। अतः वहाँ की परिस्थितियों का ज्ञान है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए एक ही उपाय है कि विक्तोर यानुकोविच को दुबारा यूक्रेन का राष्ट्रपति बनाया जाये। वे यूक्रेन के चुने हुए राष्ट्रपति थे, जिनको अवैध तरीके से सन २०१४ ई⋅ में हटाकर उनकी पार्टी को प्रतिबन्धित कर दिया गया था। अमेरिका की सहायता से यूक्रेन की सबसे बड़ी पार्टी को प्रतिबन्धित करवा के अवैध तरीको से सत्ता में आने वाला नशेड़ी विदूषक झेलेन्स्की जब तक वहाँ का शासक है, यूक्रेन में शांति स्थापित नहीं हो सकती। भारत की मीडिया को अमेरिका से पैसा मिलता है इसलिए वे दिन-रात झेलेंस्की को महिमा-मंडित करते रहते हैं।
ॐ तत्सत् !!
१७ जून २०२४