आत्म-साक्षात्कार (Self-Realization) ---
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भगवत्-प्राप्ति, भगवान का साक्षात्कार, आत्म-साक्षात्कार, व ईश्वर की प्राप्ति किसे कहते हैं? क्या भगवान आकाश से उतर कर आने वाले कोई हैं? क्या वे हमारे से पृथक हैं? किसी ने ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति की हो, वे ही उत्तर दें।
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मेरी अनुभूति तो यही है कि भगवान हम से पृथक नहीं हैं। हमें स्वयं को ही ईश्वर बनना पड़ता है। भगवान हामारे ही माध्यम से स्वयं को व्यक्त करते हैं। यही आत्म-साक्षात्कार है। यह एक ऐसी अनुभूति है जिसमें हम सब तरह की सीमितताओं से मुक्त होकर, असीम आनंद और असीम प्रेम (भक्ति) से भर जाते हैं। यह असीम प्रेम (भक्ति) और असीम आनंद ही आत्म-साक्षात्कार है, यही भगवत्-प्राप्ति है। यही हमारे जीवन का उद्देश्य है।
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ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
३१ मार्च २०२४