अति संक्षेप और सरलतम भाषा में नवरात्रों का महत्व :-
Monday, 24 March 2025
अति संक्षेप और सरलतम भाषा में नवरात्रों का महत्व :---
हमारी आध्यात्मिक साधना का एकमात्र उद्देश्य सत्य सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा और वैश्वीकरण है ---
हमारी आध्यात्मिक साधना का एकमात्र उद्देश्य सत्य सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा और वैश्वीकरण, व भारत माता को अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखंडता के सिंहासन पर बैठाना है| हमारी आत्मा नित्य मुक्त है| किसी भी तरह के मोक्ष या मुक्ति की हमें आवश्यकता नहीं है| जब तक हमारा संकल्प पूरा नहीं होता हम बार बार इसी धरा पर जन्म लेंगे|
होली की दारुणरात्रि का पूरा आध्यात्मिक लाभ उठाएँ ---
होली की दारुणरात्रि का पूरा आध्यात्मिक लाभ उठाएँ ---
भगवान का निरंतर मानसिक स्मरण ही सबसे अच्छा सत्संग है ---
सत्संग ---
पराशर ऋषि .......
वेदों के अनेक मन्त्रों के दृष्टा और 'पराशर संहिता' के लेखक पराशर मुनि महर्षि वशिष्ठ के पौत्र थे| उनके पिता का नाम था -- शक्ति, और माता का नाम था -- अदृश्यन्ती| कल्माषपाद नाम का एक राजा शक्ति के श्राप से राक्षस हो गया था| राक्षस बनते ही वह शक्ति को चबाकर खा गया| उस समय पराशर अपनी माता के गर्भ में थे| अत्यंत शोकाकुल होकर वशिष्ठ ने बार बार आत्महत्या का प्रयास किया पर हर बार विफल रहे| वशिष्ठ जब आश्रम लौट रहे थे तब पीछे से वेदमंत्र सुनाई दिए| पीछे मुड़कर उन्होंने अपनी पुत्रवधू अदृश्यन्ती को आते देखा जिसने बताया कि उसका गर्भस्थ बालक ही वेदपाठ कर रहा है|
महान संतान कैसे उत्पन्न होती है? ---
महान संतान कैसे उत्पन्न होती है?
भगवान की प्रत्यक्ष उपस्थिती पर ही ध्यान दें ---
हर ओर से ध्यान हटाकर सिर्फ भगवान की प्रत्यक्ष उपस्थिती पर ही ध्यान दें| भगवान "हैं", यहीं पर "हैं", सर्वत्र "हैं", इसी समय "हैं", हर समय "हैं", वे ही मेरे हृदय में धडक रहे "हैं", वे ही इन नासिकाओं से सांसें ले रहे "हैं", इन पैरों से वे ही चल रहे "हैं", इन हाथों से वे ही हर कार्य कर रहे "हैं", इन आँखों से वे ही देख रहे "हैं", इस मन और बुद्धि से वे ही सोच रहे "हैं", हमारा सम्पूर्ण अस्तित्व वे ही "हैं"| सारा ब्रह्मांड, सारी सृष्टि वे ही "हैं"| वे परम विराट और अनंत "हैं"| हर समय भगवान की उपस्थिती का निरंतर सदा अभ्यास करें|
पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में 1970-71 में जनरल टिक्का खान, जुल्फिकार अली भुट्टो और याहिया खान की सहमति से पाकिस्तानी फौज और जमाते इस्लामी ने मिल कर... 30 लाख बंगाली हिंदुओं को मौत के घाट उतारा था।जिसमें लगभग इतने ही बलात्कार शामिल हैं,अधिकांश बलात्कार पीड़ितों को बलात्कार के बाद निर्ममता से जिबह कर दिया गया।
बांगलादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिछले सप्ताह के रहस्योद्घाटन के बाद से दुनिया के सामने एक नई मर्मान्तक तस्वीर को उभारा जाना चाहिए था, मगर प्रेस और मीडिया खामोश है ! पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में 1970-71 में जनरल टिक्का खान, जुल्फिकार अली भुट्टो और याहिया खान की सहमति से पाकिस्तानी फौज और जमाते इस्लामी ने मिल कर... 30 लाख बंगाली हिंदुओं को मौत के घाट उतारा था।जिसमें लगभग इतने ही बलात्कार शामिल हैं,अधिकांश बलात्कार पीड़ितों को बलात्कार के बाद निर्ममता से जिबह कर दिया गया।हिटलर द्वारा 60 लाख यहूदियों की हत्या की घटना के बाद विश्व की यह सबसे बड़ी त्रासदी थी।गुजरात में 2002 की 700 हत्याओं को,जिसमें लगभग 242 हिन्दू थे, को पूरा विश्व जानता है... 30 लाख अभागों को जानने वाले इक्का-दुक्का बचे हैं... क्योकि वह हिन्दू थे...।