Monday, 24 March 2025

पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में 1970-71 में जनरल टिक्का खान, जुल्फिकार अली भुट्टो और याहिया खान की सहमति से पाकिस्तानी फौज और जमाते इस्लामी ने मिल कर... 30 लाख बंगाली हिंदुओं को मौत के घाट उतारा था।जिसमें लगभग इतने ही बलात्कार शामिल हैं,अधिकांश बलात्कार पीड़ितों को बलात्कार के बाद निर्ममता से जिबह कर दिया गया।

 बांगलादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिछले सप्ताह के रहस्योद्घाटन के बाद से दुनिया के सामने एक नई मर्मान्तक तस्वीर को उभारा जाना चाहिए था, मगर प्रेस और मीडिया खामोश है ! पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में 1970-71 में जनरल टिक्का खान, जुल्फिकार अली भुट्टो और याहिया खान की सहमति से पाकिस्तानी फौज और जमाते इस्लामी ने मिल कर... 30 लाख बंगाली हिंदुओं को मौत के घाट उतारा था।जिसमें लगभग इतने ही बलात्कार शामिल हैं,अधिकांश बलात्कार पीड़ितों को बलात्कार के बाद निर्ममता से जिबह कर दिया गया।हिटलर द्वारा 60 लाख यहूदियों की हत्या की घटना के बाद विश्व की यह सबसे बड़ी त्रासदी थी।गुजरात में 2002 की 700 हत्याओं को,जिसमें लगभग 242 हिन्दू थे, को पूरा विश्व जानता है... 30 लाख अभागों को जानने वाले इक्का-दुक्का बचे हैं... क्योकि वह हिन्दू थे...।

एक करोड़ पूर्वी पाकिस्तान से आये,बंगाली हिन्दू शरणार्थियों के धर्म को भारतीयों से ही गोपनीय रखा गया था,अधिकांश लोग समझते रहे कि वह मोमिन होंगे तब आम हिन्दू को पता ही नहीं था कि पूर्वी पाकिस्तान में 30 प्रतिशत आवादी हिंदुओं की थी !
1971 की यह त्रासदी... दबा दी गई, क्योकि 1971 की उस विजय को हाइलाइट करना था,जो बाद में शिमला में पराजय में बदल गयी। २४ मार्च २०२१

1 comment:

  1. जिहादी कसाइयों के लिए हिन्दुओं और बकरों में कोई फर्क नहीं है| उनके लिए दोनों ही कटने के लिए जन्में हैं| इस स्थिति के लिए अहिंसा के सेकुलर पुजारी हिन्दू स्वयं जिम्मेदार हैं क्योंकि वे अपनी रक्षा व प्रतीकार करने का सामर्थ्य नहीं बढ़ाते|

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