आज नहीं तो कल, कभी तो उनकी कृपा होगी ही| हम सदा अंधकार में नहीं रह सकते| हमारी उच्च प्रकृति में परमात्मा के सिवाय अन्य कुछ भी नहीं है| लेकिन निम्न प्रकृति दलदल में है| कोई भी माता हो अपनी संतान को संकट में नहीं देख सकती| जगन्माता जिसने इस सारे ब्रह्मांड को धारण कर रखा है, वह कभी निष्ठुर नहीं हो सकती| इस दलदल से मुझे विरक्त और मुक्त तो उन्हें करना ही होगा|
Friday, 28 March 2025
आज नहीं तो कल, कभी तो उनकी कृपा होगी ही, हम सदा अंधकार में नहीं रह सकते ---
हमारी रक्षा धर्म ही करेगा, लेकिन तभी करेगा -- जब हम धर्म की रक्षा करेंगे ---
२९ मार्च २०२१
पशुपतिनाथ भगवान शिव से प्रार्थना :---
पशुपतिनाथ भगवान शिव से प्रार्थना :---
मन लगे या न लगे, चाहे यंत्र की तरह ही करनी पड़े, किसी भी परिस्थिति में ईश्वर की साधना हमें नहीं छोड़नी चाहिए ---
२९ मार्च २०२३
रामनवमी के त्योहार और माँ सिद्धिदात्री की आराधना के साथ नवरात्रों के समापन की अनंत मंगलमय शुभ कामनायें ---
राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने॥"
मेरे पास अधिक समय नहीं बचा है, मेरे समक्ष दो मार्ग हैं ---
मेरे पास अधिक समय नहीं बचा है। मेरे समक्ष दो मार्ग हैं। दो शक्तियाँ मुझ पर कार्य कर रही हैं। एक शक्ति मुझे अधोमार्ग पर ले जाना चाहती है। यह पतन का मार्ग बहुत अधिक आकर्षक और सरल है। मेरे चारों ओर का वातावरण, लगभग सारी परिस्थितियाँ, और सभी लोग उसमें सहायक हैं। अज्ञानतावश लगभग सभी उसी पर अग्रसर हो रहे हैं। मेरी अंतर्रात्मा विद्रोह कर रही है। मैं उस मार्ग का पथिक नहीं हो सकता। जो लोग बाहर से आध्यात्म की बड़ी बड़ी बातें करते हैं, उन सब का अन्तःकरण लालसाओं से भरा हुआ है, और वे सब पतन के मार्ग पर अग्रसर पथिक हैं।
इतना स्वार्थी नहीं हूँ, कि अपने समक्ष आई हुई विकट परिस्थितियों में निरपेक्ष रह सकूँ ---
मेरी पीड़ा :--- कल २६ मार्च को मैंने तय किया था कि फेसबुक और ट्वीटर पर सात दिन तक नहीं आऊँगा| पर अब परिस्थितियाँ बदल गई हैं| इतना स्वार्थी नहीं हूँ, कि अपने समक्ष आई हुई विकट परिस्थितियों में निरपेक्ष रह सकूँ| जिस समाज में मैं रहता हूँ उस की स्थिति वास्तव में बड़ी खराब है| इस समाज में जैसी लोगों की सोच है उससे उत्पन्न परिस्थितियाँ बड़ी दयनीय हैं| अपनी पीड़ा और अपनी भावनाओं को व्यक्त किए बिना मैं नहीं रह सकता| इस अभिव्यक्ति का माध्यम वर्तमान में फेसबुक ही है| अतः घूम-फिर कर बापस यहीं आ जाता हूँ|
विजय सदा धर्म की ही हो, और अधर्म का नाश हो| भगवान हमें इस योग्य बनाए कि हम धर्म की रक्षा कर सकें| भगवान ने भी वचन दिया है .....
विजय सदा धर्म की ही हो, और अधर्म का नाश हो| भगवान हमें इस योग्य बनाए कि हम धर्म की रक्षा कर सकें| भगवान ने भी वचन दिया है .....
भगवान विष्णु की आराधना के पर्व 'होली' पर आपकी आध्यात्मिक सफलता, स्वास्थ्य (स्व+स्थः), सुख-शान्ति, सद्भावना, निरंतर अभ्युदय व निःश्रेयस की सिद्धि, और सभी आध्यात्मिक विभूतियों की उपलब्धि, के लिए प्रार्थना करता हूँ|
भगवान विष्णु की आराधना के पर्व 'होली' पर आपकी आध्यात्मिक सफलता, स्वास्थ्य (स्व+स्थः), सुख-शान्ति, सद्भावना, निरंतर अभ्युदय व निःश्रेयस की सिद्धि, और सभी आध्यात्मिक विभूतियों की उपलब्धि, के लिए प्रार्थना करता हूँ| यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है| आज की दारुण-रात्री का पूरा लाभ उठाएँ और अपने आत्म-स्वरुप यानि सर्वव्यापी परमात्मा का ध्यान रात्रि में कम से कम पाँच-छः घंटों तक करें| इस रात्रि को किया गया ध्यान, जप-तप, भजन --- कई गुणा अधिक फलदायी होता है| गीता के छठे अध्याय का स्वाध्याय, और द्वादशाक्षरी भागवत मंत्र का यथासंभव खूब जाप करें|
भगवान हमें निमित्त बनाकर सनातन-धर्म और भारत की रक्षा करें ---
भगवान हमें निमित्त बनाकर सनातन-धर्म और भारत की रक्षा करें ---