Friday, 28 March 2025

हमारी रक्षा धर्म ही करेगा, लेकिन तभी करेगा -- जब हम धर्म की रक्षा करेंगे ---

हमारी रक्षा धर्म ही करेगा, लेकिन तभी करेगा -- जब हम धर्म की रक्षा करेंगे ---
.
धर्म सदा हम सब भारतीयों के जीवन का केंद्र बिंदु है, और धर्म ही भारत का प्राण है| अतः हमारा आचरण धर्ममय हो, यह धर्म ही हमारी रक्षा करेगा| भगवान से हमारी प्रार्थना है कि हमारा आचरण धर्ममय हो और धर्म सदा हमारी सदा रक्षा करे| धर्म उसी की रक्षा करेगा जो धर्म की रक्षा करेंगे ---
"धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः| तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्|| (म.स्म.८:१५)"
.
धर्म के दस लक्षण बताए गए हैं ---
"धृति: क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रह:| धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम्‌|| (म.स्म.६:९२)"
.
धर्म को इस प्रकार परिभाषित किया है --- "यतोऽभ्युदयनिःश्रेयससिद्धि: स धर्म:| (वै.सू.१:१:२)"
.
गीता में भगवान ने कहा है ---
"नेहाभिक्रमनाशोऽस्ति प्रत्यवायो न विद्यते| स्वल्पमप्यस्य धर्मस्य त्रायते महतो भयात्||२:४०||"

२९ मार्च २०२१ 

No comments:

Post a Comment