Friday, 5 September 2025

व्यक्ति सदा प्रसन्न रहे, और चिंतामुक्त जीवन जीये तो दीर्घायु और स्वस्थ होता है

 व्यक्ति सदा प्रसन्न रहे, और चिंतामुक्त जीवन जीये तो दीर्घायु और स्वस्थ होता है। सदा स्वस्थ रहो। स्वस्थ रहोगे तो आयु अपने आप लम्बी होगी। मेरी प्रसन्नता तो परमात्मा के स्मरण में है। परमात्मा ही एकमात्र सत्य है। यह मेरा निजी अनुभव है, कोई सुनी-सुनाई बात नहीं। कितना भी भटक लो, अंततः इसी निष्कर्ष पर पहुँचोगे। जब से उन के समक्ष सिर झुका है, तब से झुका हुआ ही है; उठा ही नहीं है। . व्यक्ति सदा प्रसन्न रहे और चिंतामुक्त जीवन जीए तो दीर्घायु होता है| यह बात सिद्ध की है भारत की प्रथम कार्डिओलोजिस्ट पदमविभूषण डॉ. एस. पदमावती (जन्म: २० जून १९१७) ने जिनका २९ अगस्त २०२० को १०३ वर्ष की आयु में निधन हो गया| वे भारत में 'मदर ऑफ कार्डिओलोजी' के नाम से विख्यात थीं| ९५ वर्ष की आयु तक वे नित्य नियमित तैरती थीं और १०३ वर्ष की आयु तक मरीज देखती थीं, लेख लिखती थीं, नियमित व्यायाम करती थीं, और मेडिकल सेमिनारों में भाग लेती थीं| नित्य १२ घंटे तक वे अपना काम करती थीं| जो नाम और जो सम्मान उनको मिला उतना डॉ. बीसी रॉय के पश्चात किसी भी भारतीय चिकित्सक को नहीं मिला है| उनका लेक्चर सुनकर देश के नामी-गिरामी डॉक्टर खुद को धन्य समझते थे| वे सभी से कहती थीं कि सदा स्वस्थ रहो| स्वस्थ रहोगे तो आयु अपने आप लम्बी होगी|

ॐ तत्सत् !! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !! ॐ नमः शिवाय !!
कृपा शंकर
६ सितंबर २०२१

"नाहं वसामि वैकुंठे योगिनां हृदये न च। मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद॥"

 "नाहं वसामि वैकुंठे योगिनां हृदये न च। मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद॥"

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सारी सृष्टि कृष्णमय है, वे ही यह विश्व बन गए हैं; कोई अन्य है ही नहीं। मेरे विचार अधिकांश लोगों से कुछ हट कर हैं। अपनी श्रद्धा, विश्वास और मान्यता के अनुसार मेरा अपना जीवन भगवान को पूरी तरह समर्पित है। मेरा समर्पण पूर्ण हो, उसमें कोई कमी न रहे। भगवान का प्राकट्य मेरे चैतन्य के उच्चतम शिखर पर हो। मेरी सम्पूर्ण चेतना ही कृष्णमय हो। यही भगवान से प्रार्थना है।
आज और कल अधिक से अधिक समय भगवान श्रीकृष्ण के ध्यान में ही बीते।
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"वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकीपरमानन्दं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्॥"
"वंशी विभूषित करा नवनीर दाभात्,
पीताम्बरा दरुण बिंब फला धरोष्ठात्।
पूर्णेन्दु सुन्दर मुखादर बिंदु नेत्रात्,
कृष्णात परम् किमपि तत्व अहं न जानि॥"
"कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणत क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥"
"नमो ब्रह्मण्य देवाय गो ब्राह्मण हिताय च, जगद्धिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः॥"
"मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्। यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम्॥"
"कस्तुरी तिलकम् ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम् ,
नासाग्रे वरमौक्तिकम् करतले, वेणु करे कंकणम्।
सर्वांगे हरिचन्दनम् सुललितम्, कंठे च मुक्तावलि,
गोपस्त्री परिवेष्ठितो विजयते, गोपाल चूड़ामणी॥"
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥"
६ सितंबर २०२३