Thursday, 10 April 2025
🌹🌹 *घास का तिनका*🌹🌹
अब से हम असली "उपवास" करेंगे, नकली नहीं।
अब से हम असली "उपवास" करेंगे, नकली नहीं। "उपवास" किसे कहते हैं? ---
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११ अप्रेल २०२१
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रम संवत २०७८, तदानुसार १३ अप्रेल २०२१ को आने वाले -- नव-संवत्सर व बासंतिक-नवरात्र की मंगलमय हार्दिक शुभ कामनाएँ !!
११ अप्रेल २०२१
सर्वव्यापी भगवान स्वयं ही यह "मैं" बन कर, अपनी उपासना कर रहे हैं ---
सर्वव्यापी भगवान स्वयं ही यह "मैं" बन कर, अपनी उपासना कर रहे हैं। भगवान स्वयं को इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड व सारे जड़ और चेतन के रूप में व्यक्त कर रहे हैं। मैं यह शरीर नहीं, सर्वव्यापक अनंत सर्वस्व परमात्मा के साथ एक हूँ। मैं साँस लेता हूँ तो सारा ब्रह्मांड साँसें लेता है। सम्पूर्ण सृष्टि मेरे साथ-साथ भगवान का ध्यान कर रही है। कुछ भी मुझ से पृथक नहीं है। सम्पूर्ण सृष्टि का अस्तित्व ही मेरा अस्तित्व है।
हम भगवान को उपलब्ध क्यों नहीं होते? ---
११ अप्रेल २०२३
अनेक जन्मों से संचित पुण्य कर्मफलों का जब उदय होता है तब भगवान की भक्ति जागृत होती है ---
अनेक जन्मों से संचित पुण्य कर्मफलों का जब उदय होता है तब भगवान की भक्ति जागृत होती है। भगवान जिन पर कृपा करते हैं, उनका मार्गदर्शन भी करते हैं, इधर-उधर भटकने नहीं देते। हमारे में एक चुम्बकत्व है, वह चुम्बकत्व ही हमारे सारे कार्य करेगा। हम सिर्फ अपने समर्पण की पूर्णता पर ध्यान दें।
साधना में सबसे बड़ी बाधा ही हमारे मन की चंचलता है ---
साधना में सबसे बड़ी बाधा ही हमारे मन की चंचलता है ---
भगवत्-प्राप्ति -- समर्पण की पूर्णता है ---
भगवत्-प्राप्ति -- समर्पण की पूर्णता है, एक अनुभूति है, जो हरिःकृपा से हमारे जीवन में समर्पण की पूर्णता के बाद स्वतः घटित होती है। भगवान के महासागर में मैं जल की एक बूंद की तरह तैर रहा हूँ। इस जल की एक बूंद और महासागर की पृथकता के बोध की समाप्ती ही भगवत्-प्राप्ति है।
सत्संग क्या है?
सत्संग क्या है?
आज का दिन जीवन का एक अति श्रेष्ठ दिन है ---
९ अप्रेल २०२५
मुक्ति और बंधन में अब कोई भेद नहीं रहा है ---
हम शाश्वत आत्मा हैं, जिसका एकमात्र धर्म -- परमात्मा को पूर्ण समर्पण है ---
हम शाश्वत आत्मा हैं, जिसका एकमात्र धर्म -- परमात्मा को पूर्ण समर्पण है ---
परमात्मा का आकर्षण अत्यधिक प्रबल है। मैं स्वयं को रोक नहीं सकता ---
परमात्मा का आकर्षण अत्यधिक प्रबल है। मैं स्वयं को रोक नहीं सकता।