सत्संग क्या है?
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यारों के बीच की बातें, और यारों के बीच में रहना ही सत्संग है। हमारी यारी तो केवल परमात्मा और उनके प्रेमियों से है। भाव जगत में परमात्मा से संवाद होता रहता है, उन से और उन के प्रेमियों से जो भी संवाद होता है, वही मेरा सत्संग है। यारों के बीच की बातें दूसरों से नहीं हो सकतीं। हरिः ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
८ अप्रेल २०२५
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