Monday, 24 March 2025

भगवान की प्रत्यक्ष उपस्थिती पर ही ध्यान दें ---

 हर ओर से ध्यान हटाकर सिर्फ भगवान की प्रत्यक्ष उपस्थिती पर ही ध्यान दें| भगवान "हैं", यहीं पर "हैं", सर्वत्र "हैं", इसी समय "हैं", हर समय "हैं", वे ही मेरे हृदय में धडक रहे "हैं", वे ही इन नासिकाओं से सांसें ले रहे "हैं", इन पैरों से वे ही चल रहे "हैं", इन हाथों से वे ही हर कार्य कर रहे "हैं", इन आँखों से वे ही देख रहे "हैं", इस मन और बुद्धि से वे ही सोच रहे "हैं", हमारा सम्पूर्ण अस्तित्व वे ही "हैं"| सारा ब्रह्मांड, सारी सृष्टि वे ही "हैं"| वे परम विराट और अनंत "हैं"| हर समय भगवान की उपस्थिती का निरंतर सदा अभ्यास करें|

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यह भाव रखें कि हम तो निमित्त मात्र, भगवान के एक उपकरण हैं, भगवान स्वयं ही हमें माध्यम बना कर सारा कार्य कर रहे हैं| कर्ता हम नहीं, स्वयं भगवान हैं| हम जो भी कार्य करें, वह पूर्ण मनोयोग से, पूरी निष्ठा से करें| अपने काम में किसी भी तरह की कोई कमी न छोड़ें| संसार चाहे हमारी प्रशंसा करे या महिमागान करें, पर सारी महिमा भगवान की है| भगवान ने जहाँ भी रखा है और जो भी दायीत्व दिया है उसे हम नहीं, स्वयं भगवान ही कर रहे हैं|
२४ मार्च २०२०

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