वह कौन सा मार्ग है जो हमें सीधा परमात्मा तक ले जाता है? सिर्फ एक ही मार्ग है -- जो हमारी सूक्ष्म देह की सुषुम्ना नाड़ी में स्थित सभी चक्रों को भेदते हुए ब्रह्मरंध्र से बाहर की अनंतता से भी परे परमशिव में खुलता है| अन्य कोई मार्ग नहीं है| सुषुम्ना में भी तीन उपनाड़ियाँ हैं -- चित्रा, वज्रा और ब्राह्मी| इनमें से ब्रह्म उपनाड़ी का मार्ग ही योगियों का मार्ग है| इस मार्ग के पथिकों को ऊर्जा मिलती है -- भक्ति और समर्पण से| इसका बोध भी हरिःकृपा से ही होता है|
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हमारे विचार और संकल्प, पूरी सृष्टि पर निश्चित रूप से अपना प्रभाव डालते हैं| यह सारी सृष्टि हमारे ही सामूहिक विचारों का घनीभूत रूप है| हमारे विचार पूरी सृष्टि से प्रतिबिंबित होकर हमारे ही पास लौटते हैं और हमारे जीवन को संचालित करते हैं| ये ही हमारे "कर्म" हैं जिनका फल हमें निश्चित रूप से मिलता है| अतः हमारे विचार सदा शुभ हों| जैसा हम सोचते हैं, वैसे ही हम बन जाते हैं|
१९ मार्च २०२१
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