सत्य-सनातन-धर्म ही भारत की एकमात्र राजनीति होगी व भारत एक सत्य-धर्मनिष्ठ राष्ट्र होगा। यह सृष्टिकर्ता परमात्मा का संकल्प है।
भारत का पुनरोत्थान, एक आध्यात्मिक शक्ति व चेतना के अवतरण से हो रहा है। भारत की प्राचीन कृषि और शिक्षा व्यवस्था भी पुनःस्थापित होंगी। भारत अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर विराजमान होगा। आसुरी शक्तियाँ पराभूत होंगी। सत्य का प्रकाश, असत्य के अंधकार को प्रभावहीन कर देगा। सनातन धर्म ही भारत का प्राण, और सम्पूर्ण सृष्टि का भविष्य है। सनातन धर्म है -- परमात्मा से परमप्रेम, उन्हें पाने की अभीप्सा, समर्पण और सदाचरण।
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मेरी श्रद्धा डगमगा रही थी जिसे विश्वास से बांध दिया है। अब वह डगमगा नहीं सकती। परमात्मा का विलय आत्मा में हो रहा है जिसके साक्षी स्वयं परमात्मा हैं। अपनी साधना परमात्मा स्वयं कर रहे हैं। मैं एक निमित्त/साक्षी मात्र हूँ।
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ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते, पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः॥
ॐ सहनाववतु सहनौभुनक्तु सहवीर्यंकरवावहै, तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥
ॐ शांति शांति शांति॥"
ॐ सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे। तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम:॥
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः'॥
ॐ तत्सत्॥ ॐ ॐ ॐ॥
कृपा शंकर
१९ मार्च २०२५
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