Tuesday, 18 March 2025

जीवन में ईश्वर के बिना जो जीवन मैंने जीया है, वह वास्तव में नारकीय था ---

 जीवन में ईश्वर के बिना जो जीवन मैंने जीया है, वह वास्तव में नारकीय था| धन्य हैं वे लोग, जिन्होने सांसारिक आकर्षणों और वासनाओं पर विजय पाकर, अपने जीवन की दिशा को परमात्मा की ओर मोड़कर, निज जीवन में परमात्मा को पूर्णतः व्यक्त किया है| जीवन एक अंतहीन सतत् प्रक्रिया है| मेरी रुचि किसी भी तरह के मोक्ष या मुक्ति में नहीं है| ईश्वर से यही प्रार्थना है कि भविष्य में जो भी जीवन मिलें, उनमें जन्म से ही पूर्ण वैराग्य, भक्ति, ज्ञान और ईश्वर की अभिव्यक्ति हो|

इस जीवन में भी जो अल्प समय अवशिष्ट है, वह ईश्वर के ध्यान में ही बीत जाये| इसके अतिरिक्त अन्य कोई अभिलाषा नहीं है|
ॐ स्वस्ति !!
१८ मार्च २०२१
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